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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सरजू पांडेय की 105वीं जयंती, लोगों ने कहा- वो गरीबों की आवाज थे - SARJU PANDEY JAYANTI IN GHAZIPUR

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पूर्व सांसद सरजू पांडेय की 105वीं जयंती मंगलवार को गाजीपुर में मनायी गयी.

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स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पूर्व सांसद सरजू पांडेय की 105वीं जयंती (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 19, 2024, 10:04 PM IST

गाजीपुर: स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभा कर जिले में आजादी का डंका बजाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पूर्व सांसद सरजू पांडेय की 105वीं जयंती मंगलवार को मनाई गयी. 19 नवंबर 1917 को कासिमाबाद विकासखंड के अति पिछड़े गांव उरहा में जन्म लेने वाले सरजू पांडेय ने देश व समाज में बराबरी के लिए संघर्ष किया. उनकी जयंती पर सरजू पांडेय पार्क में स्मृति सभा हुई.

पहले स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाकर सैकड़ों साथियों के साथ 15 अगस्त 1942 को उन्होंने कासिमाबाद थाने की पूरी तरह से घेराबंदी करते हुए आग के हवाले कर दिया था. वहां तिरंगा लहराकर अंग्रेजी हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर किया था. यही नहीं सरजू पांडेय ने अपने सैकड़ों क्रांतिकारी साथियों के साथ थाने पर तिरंगा लहराकर आजादी का जश्न मनाया था.

इसके अलावा उन्होंने बलिया के छिछोर गांव (जो अब मऊ का हिस्सा है) जमींदार रामकुवंर सिंह के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई की थी. इस आंदोलन के दौरान महिलाओं, बच्चों सहित कुल 6 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. उस समय के लोग छिछोर कांड को आज भी याद कर सिहर जाते हैं. ऐसी ही लड़ाई पाली गांव के जमींदार राजा राय के खिलाफ उन्होंने लड़ी थी. आंदोलन ऐसा चला कि राजा राय की पूरी भूमि पर गरीबों का कब्जा हो गया.

जननेता सरजू पाण्डेय की 105 वीं जयंती पर विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं ने उन्हें नमन किया. कार्यकर्ताओं और परिजनों ने उनकी समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये. पूर्व विधायक अनिल अमिताभ दुबे ने उन्हें अपने समय का मसीहा बताया. जिप सदस्य ऊदल राजभर ने कहा कि वह गरीब परिवार से निकल वंचितों की आवाज बने थे. सपा के जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह यादव ने कहा उनकी राजनीति हमेशा प्रासंगिक रहेगी.

अमेरिका सिंह यादव ने कहा कि वह कार्यकर्ताओं को बहुत मानते थे. विरोधियों से भी मदद ले लेते थे. युवा नेता सुरेंद्र राम ने कहा कि दलितों और वंचितों पर हो रहे जुल्म को सरजू पाण्डेय ने रोका. अध्यक्षता करते हुए डॉ. रामबदन सिंह ने कहा वो हमेशा स्मृतियों में हमारे साथ रहेंगे. जिला सहकारी संघ के पूर्व चेयरमैन अरुण सिंह और छपरा विवि के पूर्व कुलपति हरिकेश सिंह, जसवंत सिंह ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये. आभार न्यास के अध्यक्ष ऋषि ने सभी का आभार वक्त किया. इस मौके पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह के पुत्र एडवोकेट अखिलेश्वर प्रसाद सिंह, समाजसेवी कौशल्या सिंह, न्यास की सदस्य आशा पाण्डेय, राजेश यादव, अरविंद शर्मा आदि उपस्थित थे.

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