विराट कोहली बोले- मेरा नाम इन दिनों केवल टी20 क्रिकेट को बढ़ावा देने से जुड़ा है, मैं अब भी इसके काबिल हूं - Virat Kohli - VIRAT KOHLI
पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच में प्लेयर ऑफ द मैच बने आरसीबी के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने बड़ा बयान दिया. विराट ने कहा मुझे पता है कि इन दिनों मेरा नाम केवल टी20 क्रिकेट को बढ़ावा देने से जुड़ा है, लेकिन मैं अब भी इसके काबिल हूं. पढ़ें पूरी खबर.
बेंगलुरु :अमेरिका और वेस्टइंडीज में इस साल जून में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए विराट कोहली की भारतीय टीम में जगह को लेकर चल रही चर्चा के बीच इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि वह अब भी इस प्रारूप में खेलने के काबिल हैं.
कोहली अपने बेटे के जन्म के कारण दो महीने तक क्रिकेट से बाहर रहे. उन्होंने सोमवार को आईपीएल मैच में 49 गेंद पर 77 रन बनाए जिससे उनकी टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) ने पंजाब किंग्स को हराकर अपना खाता खोला. कोहली को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया.
इस 35 वर्षीय खिलाड़ी ने मैच के बाद कहा, 'मैं जानता हूं कि इन दिनों जब भी टी20 क्रिकेट की बात आती है तो दुनिया के कई हिस्सों में मेरा नाम खेल को बढ़ावा देने से जोड़ दिया जाता है. लेकिन मैं अब भी इसके काबिल हूं'. पूर्व भारतीय कप्तान को कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है लेकिन उनका मानना है कि टी20 प्रारूप में अपने खेल में लगातार सुधार करने की जरूरत होती है.
कोहली से जब तेज गेंदबाजों के खिलाफ ऑफ साइड में हवा में शॉट खेलने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'आपको अपने खेल में हमेशा कुछ नया जोड़ना होता है. लोग जानते हैं कि मैं कवर ड्राइव अच्छी तरह से खेलता हूं इसलिए वह मुझे खाली स्थान पर शॉट नहीं लगाने देंगे. ऐसे में आपको एक रणनीति के साथ उतरना होता है और अपने खेल में लगातार सुधार की कोशिश करनी होती है'.
कोहली अपने दूसरे बच्चे के जन्म के कारण इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में नहीं खेल पाए थे. इस बीच उन्होंने अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिताया. उन्होंने कहा, 'हम देश में नहीं थे. हम एक ऐसी जगह पर थे जहां लोग हमें पहचान नहीं रहे थे. मैंने दो महीने तक आम आदमी की तरह अपने परिवार के साथ समय बिताया. हमारे लिए एक परिवार के रूप में यह शानदार अनुभव था. मैं ईश्वर का आभारी हूं कि मुझे अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिला'.
कोहली ने कहा, 'एक आम आदमी की तरह सड़क पर टहलना, किसी का आपको नहीं पहचान पाना और आम लोगों की तरह रोजमर्रा की जिंदगी जीना, अद्भुत अनुभव था'.