इस वर्ल्ड कप में एक भी खिलाड़ी नहीं हुआ चोटिल, जानिए क्या है टीम इंडिया के फिटनेस का राज - Fitness Of Indian player - FITNESS OF INDIAN PLAYER
Indian Team Fitness : विराट कोहली की कप्तानी और कोच रवि शास्त्री के नेतृत्व में भारतीय टीम प्रबंधन ने यो-यो टेस्ट जैसे फिटनेस टेस्ट को खिलाड़ियों के टीम में शामिल होने का पैमाना बना दिया था. अब एनसीए खिलाडियों को इंजरी से बचाने के लिए पहले ही कईं प्रशिक्षणों से गुजार रहा है. पढ़े पूरी खबर..
भारतीय क्रिकेट टीम चैंपियन बनने के बाद जश्न मनाती हुई (IANS PHOTO)
नई दिल्ली :टी20 विश्व कप 2024 में भारतीय टीम के पास कईं वर्षों बाद यह पहला मौका था जब टीम के पास अपने सभी खिलाड़ी फिट और चयन के लिए उपलब्ध थे. 2019 वनडे विश्व कप के बाद जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पांड्या जैसे स्टार खिलाड़ियों के बार-बार चोटिल होने से त्रस्त राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) की मेडिकल टीम ने पिछले दो वर्षों में अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए फिटनेस टेस्ट करने के बजाय एक नया तरीके को अपनाया जो उसके लिए अब कारगर भी साबित हुआ.
एनसीए ने अब चोट लगने से पहले ही उससे छुटकारा पाने वाली ट्रेनिंग और परफॉर्मेंस परीक्षण करने का अपना तरीका बदल दिया. विराट कोहली जब भारतीय टीम के कप्तान और कोच रवि शास्त्री थे तब भारतीय टीम प्रबंधन ने यो-यो टेस्ट जैसे फिटनेस टेस्ट बनाए थे, जो खिलाड़ियों की सहनशक्ति की जांच करते हैं, जो खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने का एक पैमाना था.
एनसीए ने बदल दिया पूरा तरीका एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अब फिजियो और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच वाली एनसीए टीम ने तीन प्रोफार्मा तैयार किए हैं, जिन्हें नेशनल फिटनेस टेस्टिंग क्राइटेरिया, परफॉरमेंस टेस्टिंग बैटरी और प्रिवेंशन टेस्टिंग का नाम दिया गया है. एनएफटीसी हर 12-16 सप्ताह में, परफॉरमेंस टेस्टिंग हर छह सप्ताह में और प्रिवेंशन टेस्टिंग हर दो सप्ताह में करता है.
ये होते हैं टेस्ट एनएफटीसी में 10 मीटर स्प्रिंट टेस्ट, 20 मीटर स्प्रिंट टेस्ट, स्टैंडिंग लॉन्ग जंप, यो-यो टेस्ट और डेक्सा स्कैन (वसा प्रतिशत) शामिल हैं. दिलचस्प बात यह है ये केवल फिटनेस मापदंड हैं और चयन मानदंड नहीं हैं. उल्लेखनीय रूप से, केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की तुलना में उभरते खिलाड़ियों के लिए यो-यो और 20 मीटर स्प्रिंट संख्याएं अधिक निर्धारित की गई हैं. अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए यो-यो मार्क 16.5 है जबकि उभरते खिलाड़ियों से 16.7 स्कोर करने की उम्मीद की जाती है.
इंजरी के बाद नहीं इंजरी से पहले रोकथाम अब भारतीय टीम में इंजरी से रोकथाम परीक्षण सबसे महत्वपूर्ण उपकरण बन गया है. टीम में अब एनसीए ओवरहेड स्क्वाट, वॉकिंग लंज और इसके अलावा ग्लूट ब्रिज होल्ड और हाफ नीलिंग मेडिसिन बॉल थ्रो जैसे टेस्ट कराती है. ये मामूली टेस्ट इस बात को देखने के लिए कराए जाते हैं क्या खिलाड़ी टेस्ट के दौरान अपनी पोजिशन को सही तरीके से बनाए रख सकता है. अगर खिलाड़ी ऐसा करने में संघर्ष करते हैं, तो यह चेतावनी संकेत है कि खिलाड़ी चोटिल होने का जोखिम उठा सकता है.
द्रविड़ ने सेट किया प्लान निवर्तमान टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा ने फरवरी 2022 में खिलाड़ियों की फिटनेस के लिए रोडमैप तैयार किया था. कप्तान और कोच ने फरवरी में स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच और फिजियो के साथ बैठक की थी. उन्होंने भारत का शेड्यूल तय किया था. रोहित और द्रविड़ ने उन्हें खिलाड़ियों का एक पूल दिया था. सपोर्ट स्टाफ को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि वे खिलाड़ी 2022 में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए उपलब्ध हों और सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हों. यह प्रक्रिया 2023 में वनडे विश्व कप और अब इस टी20 विश्व कप के लिए जारी रही. इसक लिए सारा फोकस भारत के संभावित शीर्ष 15 खिलाड़ियों पर था जो पहले प्रंबंधन 30 खिलाड़ियों पर विचार कर रहा था.
इंजरी का अंदेशा होने पर दिया जाता है आराम अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक यह तय किया गया था कि अगर प्रशिक्षकों और फिजियो को लगता है कि कोई खिलाड़ी इंजरी के काफी करीब है तो उसे तुरंत आराम दिया जाएगा. अगर कोई खिलाड़ी किसी तरह की असुविधा दिखाता है, तो टीम प्रबंधन उसे उसी समय आराम देने को तैयार है. सावधानी बरतना बेहतर है.
द्रविड़ और रोहित पिछले साल वनडे विश्व कप में ऋषभ पंत और पांड्या की चोट के बाद 2022 टी20 विश्व कप में बुमराह और जडेजा की चोटों के चलते मुश्किल में पड़ गए थे. फिटनेस टेस्ट अब टीम इंडिया के चयन के लिए 'मानदंड' नहीं रह गया है.
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