शगुफी परवीन ने भारी लड़कों के साथ प्रैक्टिस कर खुद को तपाया, अब कजाकिस्तान में करेंगी देश का नाम रौशन - Shagufi Parveen
Shagufi Parveen : बिहार के भागलुपुर की रहने वाली शगुफी परवीन को बड़ी सफलता हाथ लगी है. वह अब कोराश खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. उन्होंने अपने संघर्ष से सफलता की कहानी रची है. पढ़ें पूरी खबर...
भागलपुर :बिहार की रहने वाली शगुफी परवीन ने कोराश खेल में एक खास उपलब्धि हासिल की है. बिहार के भागलपुर में सरकार द्वारा संचालित किलकारी नामी संस्था में प्रैक्टिस करने वाली शगुफी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भार का नाम रोशन करेंगी. शगुफी परवीन को विश्व कुजा कोराश में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए चुना गया है.
शगुफी परवीन प्रैक्टिस करती हुई (ETV Bharat)
कोराश मध्य एशिया में प्रचलित कई लोक कुश्ती शैलियों में से एक खेल है. वह अगले माह कजाकिस्तान में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. शगोफी का चयन फेडरेशन द्वारा हाल ही में चंडीगढ़ में आयोजित प्रशिक्षण शिविर के बाद किया गया.
शगोफी परवीन का संघर्ष शगोफी परवीन को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार से होने के कारण उनकी राह में कई बाधाएं भी आईं, लेकिन शगुफी ने हार नहीं मानी और अपने जुनून और कड़ी मेहनत से खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बनाया. वह आज जैसी हैं, उसे साबित करने में उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगा दी. शगोफी परवीन के कोच कुन्दन कुमार को पूरी उम्मीद है कि शगुफी परवीन कजाकिस्तान में मेडल जीत कर भारत का परचम लहराएंगी.
शगुफी के हौसले बुलंद है शगोफी के कोच ने बताया कि, सुविधाओं के अभाव के बावजूद शगुफी परवीन का हौसला बुलंद है और प्रैक्टिस के लिए कोई साथी नहीं होने के बावजूद वह अपने से सीनियर और अधिक वजन वाले लड़के के साथ अपनी तैयारी कर रही हैं. और उसे आसानी से हरा देती हैं. उन्होंने आगे कहा, पेरिस ओलिंपिक में हमारा देश भारत सिर्फ 6 मेडल ही जीत सका, जबकि छोटे देश इस लिस्ट में हमसे कहीं आगे हैं. ऐसे में अगर शगोफी परवीन जैसे खिलाड़ियों को अच्छी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि हमारा देश अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में और अधिक पदक जीतेगा.