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हरियाणा के लाल ने तीरंदाजी में गोल्ड जीतकर रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने पहले भारतीय - Paris Paralympics 2024

Archer Harvinder Singh makes History : हरविंदर सिंह तीरंदाजी के इतिहास में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले पैरा एथलीट बने हैं. इतिहास में हरियाणा के 33 वर्षीय तीरंदाज ने पैरालिंपिक में तीरंदाजी में देश का पहला स्वर्ण पदक जीता. पढ़ें पूरी खबर..

Harvinder Singh
हरविंदर सिंह (ETV Bharat)

By ETV Bharat Sports Team

Published : Sep 5, 2024, 10:50 AM IST

नई दिल्ली :पेरिस पैरालिंपिक में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है. भारतीय एथलीटों ने बुधवार दो स्वर्ण पदक जीतकर गोल्ड मेडल की संख्या में इजाफा किया है. हरियाणा के हरविंदर सिंह ने भारत को चौथा गोल्ड दिलाया. इतना ही नहीं, हरियाणा के तीरंदाज ने पैरालंपिक तीरंदाजी में देश को पहला गोल्ड दिलाकर मिसाल कायम की. फाइनल में उन्होंने पोलैंड के लुकाज़ सिज़ेक को आमने-सामने की लड़ाई में हराया 6-0 से जीत दर्ज की.

हरविंदर ने पहला गेम 28-24 से जीता आगे बढ़ने के बाद फोकस नहीं डगमगाया उन्होंने दूसरा और तीसरा गेम 28-27 और 29-25 से जीता तीसरे और अंतिम गेम में दो परफेक्ट 10 लगाएं हरविंदर क्लीन स्वीप के साथ पोडियम के शीर्ष पर पहुंच गए.

हरविंदर की गोल्ड जीतने के बाद नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर अपनी खुशी जाहिर की प्रधान मंत्री एक्स ने हैंडल पर लिखा, 'पैरा तीरंदाजी में एक विशेष स्वर्ण! पेरिस पैरालिंपिक में पुरुष व्यक्तिगत रिकर्व ओपन स्वर्ण पदक जीतने के लिए हरविंदर सिंह को बधाई. उनकी सटीकता, फोकस और अटूट आत्मविश्वास उत्कृष्ट है. भारत को उनकी उपलब्धियों पर गर्व है.

खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने लिखा, 'हरविंदर सिंह ने पेरिस पैरालिंपिक में पैरा तीरंदाजी रिकर्व ओपन में स्वर्ण पदक जीता, पैरा तीरंदाजी में यह भारत का पहला गोल्ड है हरविंदर ने इतिहास रच दिया देश में पैरालंपिक खेलों पर ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद.

बता दें, भारत का अब तक का सबसे सफल पैरालिंपिक है भारत अब तक 5 स्वर्ण, 9 रजत और 10 कांस्य पदक जीत चुका है हरविंदर के बाद, धर्मबीर और प्रणब सूरमा क्लब थ्रो इवेंट में पोडियम पर रहे. भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में 19 पदक जीते थे. इससे पहले भारत ने पेरिस ओलंपिक में टोक्यो से भी ज्यादा निराशजनक प्रदर्शन किया और मात्र 6 पदक के साथ अपना अभियान समाप्त किया. इतना ही नहीं भारत को बिना किसी गोल्ड मेडल के संतोष करना पड़ा.

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