भारोत्तोलन में भारत को मेडल की आस, मीराबाई चानू दिला सकती हैं पदक - Paris Olympics 2024 - PARIS OLYMPICS 2024
Paris Olympics 2024 में भारतीय एथलीट मीराबाई चानू से देश को मेडल जीतने की उम्मीद होगी. वो भारोत्तोलन में भारत की एकमात्र एथलीट हैं, जिनसे पदक की उम्मीद है. पढ़िए पूरी खबर...
मुंबई: टोक्यो ओलंपिक की सफलता को दोहराने और लगातार दो पदक जीतने की उम्मीद कर रहे चार व्यक्तिगत भारतीय एथलीटों में से एक भारोत्तोलक सैखोम मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र भारोत्तोलक हैं. पेरिस में अपने खेल में भारत की एकमात्र खिलाड़ी होने के नाते मीराबाई 130 करोड़ लोगों की उम्मीदों का भार उठाएंगी, लेकिन मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले के नोंगपोक काकचिंग की 29 वर्षीय मीराबाई के लिए वजन उठाना आसान है.
शीर्ष प्रतियोगिताओं में देश के लिए अकेली खिलाड़ी बनना भी मीराबाई के लिए कोई नई बात नहीं है क्योंकि वह टोक्यो में एकमात्र भारतीय भारोत्तोलक भी थीं. मीराबाई ने 2021 में पुनर्निर्धारित टोक्यो 2020 ओलंपिक खेलों में इतिहास रच दिया जब उन्होंने 49 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता और ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय भारोत्तोलक बन गईं. वह ओलंपिक में सबसे सफल भारतीय भारोत्तोलक भी हैं और 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी हैं.
मीराबाई चानू (IANS PHOTOS)
अब मीरामाई 2016 रियो ओलंपिक और 2020 टोक्यो के बाद तीसरे ओलंपिक में भाग लेंगी, शटलर पीवी सिंधु (2016, 2020) के बाद तीसरे ओलंपिक खेलों में लगातार पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने की उम्मीद करेंगी. हालांकि महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में पोडियम तक का रास्ता बेहद कठिन है और मीराबाई 2017 में अपने भार वर्ग में विश्व चैंपियन बनीं और जीतने वाली पहली भारतीय हैं.
टोक्यो में स्वर्ण पदक विजेता चीन की होउ झिहुई कुल 200 किग्रा भार उठाकर सबसे आगे हैं, जबकि बाकी खिलाड़ियों ने हाल ही में 180 से 190 किग्रा के बीच भार उठाया है. हालांकि पेरिस के लिए क्वालीफाइंग का रास्ता आसान नहीं था, उन्होंने आखिरी मिनट में कोटा स्थान हासिल किया और थाईलैंड के फुकेत में आयोजित 2024 आईडब्ल्यूएफ विश्व कप में अपने अंतिम भारोत्तोलन के साथ अपनी टीम की साथी जियांग हुईहुआ को पीछे छोड़ दिया, जो ओलंपिक के लिए अंतिम क्वालीफाइंग इवेंट था.
मीराबाई चानू (IANS PHOTOS)
मीराबाई का मज़बूत पक्ष क्लीन एंड जर्क है, जिसमें उन्होंने 119 किलोग्राम का विश्व रिकॉर्ड बनाया था. इसलिए उन्हें पदक की दौड़ में शामिल होने के लिए क्लीन एंड जर्क में अपने प्रदर्शन का फ़ायदा उठाने के लिए बहुत अच्छा स्नैच करना होगा. उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 203 किग्रा (स्नैच में 88 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा) है, जो उन्होंने 2020 सीनियर राष्ट्रीय भारोत्तोलन चैंपियनशिप में उठाया था. उन्होंने ताशकंद में 2020 एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप में 119 किग्रा उठाने के लिए क्लीन एंड जर्क में अपने प्रदर्शन में सुधार किया, जहां उन्होंने कुल 205 किग्रा हासिल किया.
पेरिस में मीराबाई के लिए एक और मामले में भी मुश्किल होगी. वो होंगी चोटें क्योंकि टोक्यो में रजत पदक जीतने के बाद से मीराबाई चोटों से जूझ रही हैं. 2023 में हांग्जो एशियाई खेलों में उन्हें लगी कूल्हे की चोट उनके लिए नवीनतम झटका है. अक्टूबर 2023 में लगी उस चोट ने मीराबाई को पांच महीने तक बाहर रखा था. हालांकि 2018 और 2022 में लगातार राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली मीराबाई उस चोट से उबर चुकी हैं कुल 184 किलो वजन उठाया. यह पेरिस के लिए टिकट सुरक्षित करने के लिए पर्याप्त था, लेकिन 7 अगस्त से फ्रांस की राजधानी में भारोत्तोलन प्रतियोगिताएं शुरू होने पर भारतीय भारोत्तोलक के लिए प्रतियोगिता पूरी तरह से अलग होगी, जिन्होंने 2017 विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण और 2022 में बोगोटा में रजत जीता और उन्हें 2018 में खेल रत्न पुरस्कार और पद्म श्री से सम्मानित किया गया है.
मीराबाई चानू (IANS PHOTOS)
मीराबाई वर्तमान में अपने अमेरिकी फिजियो डॉ. एरन होर्शिग के मार्गदर्शन में फ्रांस के प्रतिष्ठित ला फर्टे-मिलन में पेरिस ओलंपिक की तैयारी कर रही हैं, जिनकी आगामी ओलंपिक खेलों की तैयारी में सेवाओं को TOPS फंडिंग के तहत कवर किया गया है. जबकि डॉ. होर्शिग मीराबाई को ओलंपिक के लिए फिट रखने की कोशिश कर रहे हैं, यह मुख्य राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा हैं जो मणिपुरी भारोत्तोलक के साथ फ्रांस में हैं और लगातार दूसरे ओलंपिक खेलों में पदक जीतने के लिए उनके अभियान की योजना बना रहे हैं.