नई दिल्ली : भारत के डिस्टेंस रनर अविनाश साबले ने सोमवार को शानदार जीत हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई. अविनाश ने पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेस के फाइनल में पहुंचकर भारत के लिए इतिहास रच दिया, क्योंकि वह इस इवेंट के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए. इससे पहले ललिला बाबर ने रियो ओलंपिक में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस के फाइनल में जगह बनाई थी.
महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं साबले
भारतीय खिलाड़ी अविनाश साबले महाराष्ट्र के बीड जिले के आष्टी तालुका के एक ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने देश और दुनिया के नक्शे पर अपना नाम दर्ज करा दिया है. इसलिए उनके पिता ने इच्छा जताई है कि अविनाश साबले इस साल भी देश के लिए स्वर्ण पदक जीतेंगे. अविनाश 7 अगस्त को पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेस के फाइनल में प्रतिस्पर्धा करेंगे.
बेटे का इवेंट अपनी आंखों से देखना चाहता हूं
अविनाश साबले के पिता मुकुंद साबले ने ईटीवी भारत से कहा कि, 'हमारा बेटा 7 साल से कड़ी मेहनत कर रहा है. हमें पूरा विश्वास है कि वह इस बार देश के लिए स्वर्ण पदक जीतेगा'. उन्होंने कहा कि, 'अविनाश अभ्यास करने के लिए सुबह 3 बजे उठ जाता था'.