नई दिल्ली :पेरिसओलंपिक 26 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस साल भारत को अपने एथलीट्स से और ज्यादा बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है, भारत ने पिछली बार ओलंपिक में 7 पदक जीते थे जिसमें सिर्फ एक गोल्ड मेडल था. वह एकमात्र गोल्ड मेडल जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने जीता था. नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को गोल्ड दिलाया था. इस बार भी भारत को नीरज चोपड़ा से काफी उम्मीद है.
जन्म
24 दिसंबर, 1997 को हरियाणा के पास एक छोटे से गांव खंडरा में नीरज चोपड़ा का जन्म हुआ. नीरज एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उनके पिता एक किसान हैं, उनकी मां सरोज देवी गृहिणी हैं. नीरज की 11 साल की उम्र में भाला फेंक में रुचि विकसित हो गई थी उसके बाद वह पानीपत स्टेडियम में जोवेलिन का अभ्यास करते थे. नीरज के बिना ट्रेनिंग के 40 मीटर थ्रो से प्रभावित होकर जयवीर उनके पहले कोच बने और ऐसे ही धीरे धीरे नीरज ने अपने करियर की उड़ान भरी.
कैसा रहा अब तक का सफर
नीरज चोपड़ा ने युवा अवस्था में ही राष्ट्रीय स्तर पर खूब नाम कमाया है. वह पोलैंड में 2016 की IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के बाद चर्चा में आए. पोलैंड में उनका 86.48 मीटर का विजयी थ्रो फेका था जो अंडर 20 में अभी भी कायम है. उसके बाद संघर्ष करते हुए नीरज चोपड़ा लगातार अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकते रहे. वह 2017 के एशियाई खेलों में चैंपियन बने. उसके बाद गोल्ड कोस्ट 2018 राष्ट्रमंडल खेलों और जकार्ता 2018 एशियाई खेलों में वह स्वर्ण जीतने वाले एथलीट बने.