बुस्तो अर्सिजियो : निशांत देव 71 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में हार के साथ पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल करने से चूक गए जबकि यहां पहले विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर से सभी भारतीय मुक्केबाजी खाली हाथ लौटे. निशांत को सोमवार देर रात हुए लाइट मिडिलवेट वर्ग के क्वार्टर फाइनल में विश्व चैंपियनशिप 2021 के रजत पदक विजेता अमेरिका के ओमारी जोन्स के खिलाफ 1-4 से हार का सामना करना पड़ा.
विश्व चैंपियनशिप 2023 के कांस्य पदक विजेता निशांत अगर अंतिम आठ चरण का मुकाबला जीत लेते तो पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल कर लेते. यहां हिस्सा ले रहे नौ भारतीय मुक्केबाजों में से कोई भी मुक्केबाजी में देश के चार ओलंपिक कोटा में इजाफा नहीं कर पाया. एशियाई खेल और पहले विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर के रूप में दो क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट खत्म होने के बाद भी कोई भारतीय पुरुष मुक्केबाज ओलंपिक में जगह नहीं बना पाया है.
भारत ने अपने चारों ओलंपिक कोटा महिला वर्ग में हासिल किए हैं. दो बार की विश्व चैंपियन निकहत जरीन (50 किग्रा), प्रीति पवार (54 किग्रा), परवीन हुड्डा (57 किग्रा) और तोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी हैं. भारतीय मुक्केबाजों को 23 मई से तीन जून तक बैंकॉक में होने वाले दूसरे विश्व ओलंपिक मुक्केबाजी क्वालीफायर से पेरिस की टिकट कटाने का अंतिम मौका मिलेगा. इस प्रतियोगिता से 45 से 51 मुक्केबाजों के पास पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने का मौका होगा.