हर्निया से जूझ रहे हैं नीरज चोपड़ा, जानिए क्यों और कैसे होती है यह बिमारी, क्या है इसका इलाज ? - Neeraj Chopra hernia
Neeraj Chopra hernia : भारत के गोल्डन बॉय 'नीरज चोपड़ा' हर्निया से पीड़ित हैं. इस बिमारी का असर पेरिस में उनके खेल पर दिखा था. इस खबर में जानिए क्या होता है हर्निया और कैसे होता है इसका इलाज.
नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के एकमात्र सिल्वर मेडल जीतने वाले स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने खुलासा किया था कि वह लंबे समय से हर्निया से पीड़ित हैं. टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा की पेरिस में गिरी हुई परफॉर्मेंस का एक कारण इस बिमारी को भी माना जा रहा है. आज हम आपको इस बिमारी के बारे में बताएंगे की यह बिमारी होती क्या है ?
हर्निया से पीड़ित हैं नीरज चोपड़ा भारत के स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने हाल ही में संपन्न हुए पेरिस ओलंपिक 2024 में सिल्वर मेडल मेडल जीता. ओलंपिक में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल के दौरान इस स्थिति के कारण कथित तौर पर उनका प्रदर्शन प्रभावित हुआ, जिसमें वे पाकिस्तान के अरशद नदीम से पीछे रह गए.
26 वर्षीय भाला फेंक स्टार ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वह लंबे समय से इस बीमारी से पीड़ित हैं और इस चोट के साथ उन्होंने 89.94 मीटर (2022 में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ) फेंका. लेकिन तकनीक से अधिक, 'लगभग 50 प्रतिशत' ध्यान 'मेरी चोट' पर है, उन्होंने कहा, यह उचित उपचार से गुजरने का समय है, जैसा कि डॉक्टरों ने पहले सलाह दी थी. अब कुछ ही दिनों में उनके हर्निया की सर्जरी होगी.
क्या होता है हर्निया ? हर्निया किसी अंग या ऊतक का मांसपेशी या ऊतक में असामान्य उद्घाटन से बाहर निकलना है जो इसे जगह पर रखता है. हर्निया सभी आयु-समूहों और लिंगों में देखा जा सकता है. बच्चों में, जन्मजात हर्निया आम है, वंक्षण हर्निया पुरुषों में अधिक बार देखा जाता है, जबकि नाभि और ऊरु हर्निया महिलाओं में अधिक आम तौर पर देखा जाता है. हर्निया के सबसे आम प्रकार हैं-
इंगुइनल (कमर में)- 73%
ऊरु (ऊपरी जांघ में कमर के नीचे)- 17%
नाभि (नाभि के माध्यम से)- 8.5%
जन्मजात (पेट का अंग, आंत या विसरा)
अधिजठर (नाभि के ऊपर, मध्य रेखा में)
चीरा (किसी भी पिछली सर्जरी के निशान के माध्यम से)
दुर्लभ प्रकार- काठ, स्पिगेलियन, ओबट्यूरेटर और ग्लूटियल
हर्निया के मुख्य कारण बता दें कि, हर्निया के कारण होने वाले दो मुख्य कारक पेट की मांसपेशियों की कमजोरी और पेट के अंदर बढ़ा हुआ दबाव है जो कमजोर क्षेत्र से आंतरिक सामग्री को बाहर निकालने के लिए मजबूर करता है. पेट की दीवार की कमजोरी जन्मजात हो सकती है या अत्यधिक वसा, बार-बार गर्भधारण या सर्जिकल चीरा का परिणाम हो सकती है. दूसरी ओर, पेट पर दबाव का बढ़ना लम्बे समय से खांसी, कब्ज, पेशाब करने में अधिक जोर, भारी व्यायाम आदि का परिणाम हो सकता है.
कैसे होता है हर्निया का उपचार ?
हर्निया का इलाज मुख्यतः सर्जरी द्वारा किया जाता है और इसका उपचार केवल दवाओं से नहीं किया जा सकता है. हर्निया सर्जरी में आमतौर पर हर्निया की सामग्री को कम करना, डिफेक्ट की मरम्मत करना और जाल के साथ डिफेक्ट को मजबूत करना शामिल होता है. सर्जरी या तो ओपन तकनीक या लेप्रोस्कोपी द्वारा की जा सकती है.
ओपन या लेप्रोस्कोपिक टेक्निक का चुनाव हर्निया का ऑपरेशन करने वाले सर्जन की पसंद पर निर्भर करता है. हालांकि, आजकल अधिकांश हर्निया के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को प्राथमिकता दी जाती है, बहुत बड़े, जटिल या बार-बार होने वाले हर्निया के लिए ओपन हर्निया सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है.
ओपन सर्जरी की तुलना में लेप्रोस्कोपी के कई फायदे हैं क्योंकि इससे बहुत कम ट्रॉमा, कम दर्द, जल्दी रिकवरी, अस्पताल से जल्दी छुट्टी और काम पर जल्दी वापसी होती है. बता दें कि, आजकल लेप्रोस्कोपिक तकनीक के माध्यम से जटिल हर्निया सर्जरी भी सफलतापूर्वक की जा रही है.