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कश्मीर विलो क्रिकेट बैट को मिला हस्तशिल्प का दर्जा

प्रसिद्ध कश्मीर विलो क्रिकेट बैट को अधिसूचित हस्तशिल्प सूची में शामिल किया गया है. ईटीवी भारत के मीर इश्फाक की रिपोर्ट.

File photo of Kashmir Willow cricket bats
कश्मीर विलो क्रिकेट बैट की फाइल फोटो (ETV Bharat)

By ETV Bharat Sports Team

Published : Oct 30, 2024, 4:56 PM IST

अनंतनाग : केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के हथकरघा और हस्तशिल्प विभाग ने हस्तशिल्प की नई अधिसूचित सूची में प्रतिष्ठित 'कश्मीर विलो क्रिकेट बैट' को शामिल किया है.

कश्मीर क्रिकेट बैट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीबीएमएके) ने इस महत्वपूर्ण कदम के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि इससे न केवल घाटी भर के बैट निर्माताओं और कारीगरों को लाभ होगा, बल्कि इस पारंपरिक शिल्प के दीर्घकालिक विकास में भी योगदान मिलेगा.

अधिकारियों ने कहा, 'कश्मीर विलो क्रिकेट बैट को अधिसूचित हस्तशिल्प की श्रेणी में शामिल करके, बैट निर्माता अब राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम (एनएचडीपी) और व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस) के तहत योजनाओं और कल्याणकारी उपायों का लाभ उठा सकते हैं. इसके अलावा, यह आदेश कारीगरों के लिए पहचान पत्र जारी करने और नवीनीकरण की सुविधा प्रदान करता है, जिससे सरकारी सहायता, प्रोत्साहन और प्रशिक्षण तक उनकी पहुंच में सुधार होता है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए सीबीएमएके के प्रवक्ता और उपाध्यक्ष फवजुल कबीर ने कहा, 'हम जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध कश्मीर विलो क्रिकेट बैट बनाने में शामिल शिल्प कौशल को मान्यता देने के लिए केंद्र और जम्मू-कश्मीर के हथकरघा और हस्तशिल्प विभाग के बेहद आभारी हैं'.

फवजुल कबीर ने कहा, 'यह मान्यता हमारे कारीगरों के लिए नए रास्ते खोलेगी, वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और हमारे उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्लेटफार्मों पर बढ़ावा देगी. हम कपड़ा मंत्रालय को इस समय पर हस्तक्षेप के लिए धन्यवाद देते हैं, जो संसाधनों तक बेहतर पहुंच को सक्षम करेगा और हमारी विरासत को मजबूत करेगा'.

कश्मीर क्रिकेट बैट उद्योग, मुख्य रूप से अनंतनाग और पुलवामा जिलों में स्थित है, 400 से अधिक विनिर्माण इकाइयों का घर है और हजारों कुशल कारीगरों की आजीविका का समर्थन करता है. ये कारीगर स्थानीय रूप से प्राप्त कश्मीर विलो को प्रीमियम गुणवत्ता वाले बल्ले में बदलते हैं, जिन्हें उनके शिल्प कौशल के लिए वैश्विक मान्यता मिली है. यह क्षेत्र न केवल स्थानीय रोजगार में योगदान देता है, बल्कि खेल के साथ कलात्मकता को मिलाकर सदियों पुरानी परंपरा को संरक्षित करने में भी मदद करता है.

विलो बल्ले को आधिकारिक हस्तशिल्प सूची में शामिल करने से क्रिकेट बैट उद्योग के लिए विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में आसानी होगी और कौशल वृद्धि कार्यक्रमों में स्थानीय कारीगरों की अधिक भागीदारी सुनिश्चित होगी. अधिकारियों ने कहा कि इस कदम से निर्यात को बढ़ावा मिलने, 'मेक इन इंडिया' पहल को मजबूती मिलने और क्रिकेट की दुनिया में कश्मीर के अद्वितीय योगदान को मान्यता मिलने की उम्मीद है.

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