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किसान आंदोलन से जुड़ीं विनेश फोगाट, कहा- 'यह देखना दुखद है, अब वादा करे सरकार' - Vinesh Phogat Farmer Protest

By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 31, 2024, 3:04 PM IST

Vinesh Phogat: भारतीय पहलवान विनेश फोगट शनिवार को शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल हुईं और अपना समर्थन दिया. इस दौरान किसानों ने उन्हें माला पहनाई और उनका स्वागत किया. पढ़िए पूरी खबर...

Vinesh Phogat
विनेश फोगाट (ANI PHOTOS)

नई दिल्ली: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने शनिवार को किसानों के विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया और वह शंभू बॉर्डर पर उनके साथ शामिल हुईं. शंभू बॉर्डर पर किसानों ने अपने विरोध प्रदर्शन का 200वां दिन मनाया, जब भारतीय पहलवान उनके साथ शामिल हुईं. किसानों का समर्थन करते हुए विनेश ने कहा कि सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए.

किसानों के समर्थन में उतरीं विनेश फोगाट
13 फरवरी से किसान शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जब अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली मार्च करने से रोक दिया था. प्रदर्शनकारी अन्य प्रमुख मुद्दों के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की मांग कर रहे हैं. एक प्रमुख खेल हस्ती, फोगाट ने किसानों के साथ एकजुटता दिखाई और उन्हें किसानों ने माला पहनाई.

यह देखना दुखद है - विनेश फोगाट
उन्होंने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'उन्हें यहां बैठे 200 दिन हो गए हैं. यह देखना दुखद है. वे सभी इस देश के नागरिक हैं. किसान देश चलाते हैं. उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है, एथलीट भी नहीं. अगर वे हमें खाना नहीं खिलाएंगे, तो हम प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे. कई बार हम असहाय होते हैं और कुछ नहीं कर पाते हैं, हम इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन हम अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाते हैं, भले ही हम उन्हें दुखी देखते हों, मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि उन्हें सुनना चाहिए'.

पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किग्रा स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने के बाद विनेश के लिए यह महीना उथल-पुथल भरा रहा, लेकिन उन्हें खाली हाथ घर लौटना पड़ा. स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने के बाद, भारतीय पहलवान को अयोग्य घोषित कर दिया गया क्योंकि वह वजन मापने के दौरान पात्रता मानदंडों को पूरा करने में विफल रही.

दिल तोड़ने वाली घटना के बाद, विनेश ने खेल से संन्यास लेने का फैसला किया. साथ ही उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अयोग्यता के खिलाफ अपील की और संयुक्त रजत पदक मांगा. CAS आवेदन खारिज कर दिया गया और विनेश फ्रांसीसी राजधानी पेरिस से बिना पदक के लौट आईं.

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