नई दिल्ली : आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच गतिरोध जारी है, ऐसे में अगर इस बड़े टूर्नामेंट को स्थगित कर दिया जाता है या किसी दूसरे देश में स्थानांतरित कर दिया जाता है, तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के लिए भारी वित्तीय प्रभाव पड़ सकता है.
पाकिस्तान को होगा 55 करोड़ रुपये का नुकसान क्रिकबज की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि टूर्नामेंट स्थगित कर दिया जाता है या किसी अन्य देश में स्थानांतरित कर दिया जाता है, तो पीसीबी को आईसीसी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें आईसीसी फंडिंग में कटौती भी शामिल है, यदि वह इससे पीछे हटता है.
इतना ही नहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चैंपियंस ट्रॉफी को स्थानांतरित या स्थगित करने का मतलब होगा कि उसे संभावित रूप से 65 मिलियन अमरीकी डॉलर (करीब 55 करोड़ भारतीय रुपये) की मेजबानी फीस का नुकसान उठाना पड़ेगा, जो पीसीबी के लिए काफी बड़ी रकम है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह नुकसान और भी अधिक खलेगा, क्योंकि पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी के लिए 3 निर्धारित स्थलों- कराची, रावलपिंडी और लाहौर में बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए बड़ा निवेश किया था.
पाकिस्तान जाने से भारत ने किया मना भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने यह साफ कर दिया है कि वह टीम इंडिया को अगले साल आयोजित होने वाले टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान नहीं भेजेगा. यह टूर्नामेंट 19 फरवरी से 9 मार्च तक पाकिस्तान में होना है. लेकिन, पाकिस्तान के हाइब्रिड मॉडल को ना मानने और भारतीय टीम के पाकिस्तान की यात्रा करने से मना करने के कारण, टूर्नामेंट के मैचों का कोई शेड्यूल अभी तक जारी नहीं किया गया है.
पाकिस्तान 1996 में वनडे विश्व कप की सह-मेजबानी करने के बाद पहली बार किसी वैश्विक आईसीसी इवेंट की मेजबानी करने की तैयारी में जुटा हुआ है. लेकिन भारत के इनकार के बाद उसकी तैयारियों के साथ-साथ टूर्नामेंट में उथल-पुथल मच गई है. पीसीबी ने हाइब्रिड मॉडल में टूर्नामेंट आयोजित कराने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें भारत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे तटस्थ स्थानों पर अपने मैच खेलेगा.
पाकिस्तान ने मांगा स्पष्ट जवाब जानकारी के लिए आपको बता दें कि, पीसीबी ने आईसीसी से टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान में टीम भेजने से भारत के इनकार के बारे में लिखित में स्पष्ट जवाब मांगा है. टूर्नामेंट में पाकिस्तान की भागीदारी के बिना, आईसीसी को अनुबंध संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि प्रसारकों और स्पॉन्सरों को उम्मीद है कि दोनों टीमें एक-दूसरे के खिलाफ हाई-प्रोफाइल वाले मुकाबलों में खेलेंगी. लेकिन, इस टूर्नामेंट के भविष्य पर कुछ भी बोलना अभी जल्दबाजी होगी.