देहरादून, धीरज सजवाण : उत्तराखंड में होने वाले 38वें नेशनल गेम्स में अब सिर्फ 12 दिन का समय बाकी रह गया है. वहीं बात करें जमीनी तैयारियों की तो अभी तक खिलाड़ियों के लिए ग्राउंड तक पर काम पूरा नहीं हो पाया है. सबसे ज्यादा विवादित एथलेटिक्स ट्रैक पर, अब भी पानी भरा पड़ा है. अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि इस मामले में देरी हुई है.
38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए खिलाड़ी जी जान से तैयारी कर रहे हैं. सरकार के लिए राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी जितनी फक्र की बात है उतना ही साख का सवाल भी है. इसके बाद भी एथलेटिक ट्रैक अभी भी खेल विभाग का सर दर्द बना हुआ है. यहां अब भी पानी नजर आ रहा है. साथ ही दूसरे काम भी अधूरे नजर आ रहे हैं.
तैयार नहीं हो पाया एथलेटिक ग्राउंड:देहरादून महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक ग्राउंड पर कई एथलीट प्रतियोगिताएं होनी हैं. इसमें लॉन्ग जंप, हाई जंप सहित सभी दौड़ें आयोजित की जाएंगी. इसी ग्राउंड पर रग्बी प्रतियोगिताएं भी होनी हैं. इसके बाद भी अभी तक ये ग्राउंड नेशनल गेम्स के लिए तैयार नहीं हो पाया है.
देहरादून में 24 घंटे से हो रही बारिश:देहरादून में बीते 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के बाद एथलेटिक ग्राउंड में डाली गई सिंथेटिक लेयर जो कि अभी ठीक से चिपकी भी नहीं है उस पर जगह-जगह पानी जमा होने लगा है. ईटीवी भारत संवाददाता धीरज सजवान ने एथलेटिक ग्राउंड के हालातों का जायजा लिया. जिसमें जगह जगह पर पानी भरा हुआ नजर आया.
10 साल में खर्च हुए 30 करोड़, ट्रैक आज भी अधूरा:बता दें कि यह वही एथलेटिक ट्रैक है जिसे 14 करोड़ की लागत से साल 2016 में बनाया गया था. उसके बाद 2022 में इस पर ढाई करोड़ पर लगाए गए थे और अब 38वें राष्ट्रीय खेलों से ठीक पहले गेम टेक्निकल कंडक्ट समिति ने इस ग्राउंड को अयोग्य बता कर इसे दोबारा से बनाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद एक बार फिर से तकरीबन 14 करोड़ की लागत से ही इसे दोबारा बनाया जा रहा है और इस तरह से 10 साल से भी कम समय में इस एथलेटिक ट्रैक पर तकरीबन 30 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन अभी भी यह सिंथेटिक एथलीट ग्राउंड बनकर तैयार नहीं हो पाया है.