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नेशनल गेम्स एथलेटिक्स ट्रैक पर पानी ही पानी, 10 दिन बाद कैसे दौड़ेंगे खिलाड़ी? देखिए आधी-अधूरी तैयारियां - NATIONAL GAMES UTTARAKHAND

ETV भारत की टीम ने एथलेटिक्स ट्रैक पर जमीनी हालात देखे, ट्रैक पर पानी भरा है. तैयारी ना के बराबर है. देखिए EXCLUSIVE REPORT

38TH NATIONAL GAMES IN UTTARAKHAND
एथलेटिक्स ट्रैक पानी-पानी (SOURCE: ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 16, 2025, 8:12 PM IST

देहरादून, धीरज सजवाण : उत्तराखंड में होने वाले 38वें नेशनल गेम्स में अब सिर्फ 12 दिन का समय बाकी रह गया है. वहीं बात करें जमीनी तैयारियों की तो अभी तक खिलाड़ियों के लिए ग्राउंड तक पर काम पूरा नहीं हो पाया है. सबसे ज्यादा विवादित एथलेटिक्स ट्रैक पर, अब भी पानी भरा पड़ा है. अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि इस मामले में देरी हुई है.

38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए खिलाड़ी जी जान से तैयारी कर रहे हैं. सरकार के लिए राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी जितनी फक्र की बात है उतना ही साख का सवाल भी है. इसके बाद भी एथलेटिक ट्रैक अभी भी खेल विभाग का सर दर्द बना हुआ है. यहां अब भी पानी नजर आ रहा है. साथ ही दूसरे काम भी अधूरे नजर आ रहे हैं.

तैयार नहीं हो पाया एथलेटिक ग्राउंड:देहरादून महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के एथलेटिक ग्राउंड पर कई एथलीट प्रतियोगिताएं होनी हैं. इसमें लॉन्ग जंप, हाई जंप सहित सभी दौड़ें आयोजित की जाएंगी. इसी ग्राउंड पर रग्बी प्रतियोगिताएं भी होनी हैं. इसके बाद भी अभी तक ये ग्राउंड नेशनल गेम्स के लिए तैयार नहीं हो पाया है.

National Games की आधी-अधूरी तैयारी (SOURCE: ETV BHARAT)

देहरादून में 24 घंटे से हो रही बारिश:देहरादून में बीते 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के बाद एथलेटिक ग्राउंड में डाली गई सिंथेटिक लेयर जो कि अभी ठीक से चिपकी भी नहीं है उस पर जगह-जगह पानी जमा होने लगा है. ईटीवी भारत संवाददाता धीरज सजवान ने एथलेटिक ग्राउंड के हालातों का जायजा लिया. जिसमें जगह जगह पर पानी भरा हुआ नजर आया.

10 साल में खर्च हुए 30 करोड़, ट्रैक आज भी अधूरा:बता दें कि यह वही एथलेटिक ट्रैक है जिसे 14 करोड़ की लागत से साल 2016 में बनाया गया था. उसके बाद 2022 में इस पर ढाई करोड़ पर लगाए गए थे और अब 38वें राष्ट्रीय खेलों से ठीक पहले गेम टेक्निकल कंडक्ट समिति ने इस ग्राउंड को अयोग्य बता कर इसे दोबारा से बनाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद एक बार फिर से तकरीबन 14 करोड़ की लागत से ही इसे दोबारा बनाया जा रहा है और इस तरह से 10 साल से भी कम समय में इस एथलेटिक ट्रैक पर तकरीबन 30 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन अभी भी यह सिंथेटिक एथलीट ग्राउंड बनकर तैयार नहीं हो पाया है.

अधिकारियों ने माना- हां देरी हुई, और भी कई ग्राउंड अधूरे
महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में मौजूद एथलेटिक ट्रैक के निर्माण को लेकर के खुद विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिन्हा का कहना है कि वह इस बात को मानते हैं कि इस ग्राउंड को बनाने में देरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जो समय इस ग्राउंड को बनाने के लिए दिया गया था. वह अब पूरा हो चुका है और अब अतिरिक्त समय चल रहा है उन्होंने कहा कि वह लगातार कार्यादार एजेंसी के संपर्क में है और उन्हें जल्द से जल्द इस ग्राउंड को हैंडओवर करने का निर्देश दे रहे हैं.

ट्रैक पर पानी ही पानी, ETV भारत की EXCLUSIVE REPORT (SOURCE: ETV BHARAT)

वही उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश नेगी ने बताया कि केवल देहरादून का एथलेटिक ग्राउंड ही नहीं बल्कि हल्द्वानी में स्विमिंग पूल जहां पर, नेशनल गेम्स की स्विमिंग की प्रतियोगिताएं होनी है. वहां पर हीटिंग सिस्टम लगाया जाना था और यह भी काम अपने अंतिम चरण में है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है. इसी तरह से बीच वॉलीबॉल का भी काम अभी चल रहा है. 12 दिन से भी कम समय में बचे हुए काम कैसे पूरे होंगे ये बड़ा सवाल है क्योंकि 38वें राष्ट्रीय खेलों और खासतौर पर उत्तराखंड पर देश दुनिया सबकी निगाहें बनी हुई हैं. ऐसे में उम्मीदों पर खरा उतरना, वो भी समय के भीतर ये अपने आप में खेल विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है.

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