मुंबई : भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने हाल ही में घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ 0-3 से शर्मनाक हार के बाद खुद पर हो रही आलोचना पर कहा कि वह जानते हैं कि भारत के कोच की प्रतिष्ठित भूमिका निभाना बेहद कठिन है और उन्हें नहीं लगता कि 'उन्हें इसका दबाव महसूस हो रहा है' क्योंकि उनका काम 'पूरी तरह ईमानदार' है. 2012 के बाद से घरेलू सरजमीं पर यह भारत की पहली टेस्ट सीरीज हार है और इस शताब्दी में घरेलू सरजमीं पर 0-3 से पहली हार भी है.
हमने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने स्वीकार किया कि उनकी टीम घरेलू मैदान पर विपक्षी न्यूजीलैंड की टीम से बुरी तरह से पराजित हुई और उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट नहीं खेला, लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कोई बदलाव नहीं आएगा.
मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया
उन्होंने कहा, 'इससे मेरे और किसी और के जीवन में क्या फर्क पड़ता है? जब मैंने यह काम संभाला, तो मैंने हमेशा सोचा कि यह एक बहुत ही मुश्किल काम होगा और साथ ही एक बहुत ही प्रतिष्ठित काम भी. ईमानदारी से, मुझे नहीं लगता कि मैं दबाव महसूस कर रहा हूं क्योंकि मेरा काम पूरी तरह से ईमानदार होना है. उस ड्रेसिंग रूम में कुछ अविश्वसनीय रूप से कठोर लोग हैं जिन्होंने देश के लिए कुछ बेहतरीन चीजें हासिल की हैं और देश के लिए कुछ बेहतरीन चीजें हासिल करना जारी रखेंगे. इसलिए उन्हें और भारत को कोचिंग देना एक बहुत बड़ा सम्मान है'.