नई दिल्ली: भारतीय ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के बीच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक संन्यास ले लिया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के ओपिनियन सामने आने लगे. कुछ लोग अश्विन के फैसले की सराहना की तो कुछ लोगों ने इसको भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में चल रही लड़ाई से जोड़ दिया. यहां तक कि अश्विन के पिता ने यह भी कह दिया कि मेरे बेटे कई दिनो से अपमानित किया जा रहा था जिसकी वजह वो यह बड़ा कदम उठाने पर मजबूर हुए.
अश्विन ने क्या वादा किया था?
लेकिन अब ब्रिस्बेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने के अपने फैसले पर अश्विन ने खुलकर बात की. अश्विन ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों 2012 में ही खुद से वादा किया था कि वह भारत को घरेलू धरती पर कोई और टेस्ट सीरीज नहीं हारने देंगे.
BCCI ने अश्विन की एक विशेष वीडियो जारी की
हाल ही में, BCCI ने अनुभवी ऑफ स्पिनर अश्विन की एक विशेष वीडियो जारी किया, जिसमें उनके सभी महत्वपूर्ण विकेट और उनके करियर के अन्य बेहतरीन पलों को कैद किया गया. विशेष वीडियो फीचर में, अश्विन ने एमएस धोनी की अगुवाई वाली मेन इन ब्लू को 2012 में घरेलू मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ 1-2 से सीरीज हारने के बाद भारत को एक और सीरीज नहीं हारने देने के अपने खुद से किए गए वादे को साझा किया.
अश्विन ने बीसीसीआई द्वारा जारी एक वीडियो में कहा, "देखिए, मुझे नहीं पता कि कहां से शुरू करूं, ईमानदारी से कहूं तो, मैंने 2012 में खुद से एक वादा किया था. हम इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज हार गए थे, जो एक मुश्किल सीरीज थी. यह मेरे करियर की शुरुआत थी और मैं खुद से कह रहा था कि हम अब घर पर कभी भी सीरीज नहीं हारेंगे और यही मैंने खुद से वादा किया था. आप कितने भी विकेट लें, कितने भी घंटे रन बनाएं, 10 साल बाद आपको ये सब याद नहीं रहेगा. यादें ही मायने रखती हैं."
भारत ने 12 साल तक घरेलू मैदान पर 18 टेस्ट सीरीज जीतीं
इंग्लैंड से सीरीज हारने के बाद, भारत ने 12 साल की लंबी अवधि तक घरेलू परिस्थितियों पर अपना दबदबा बनाए रखा और उन्होंने घरेलू मैदान पर 18 टेस्ट सीरीज जीतीं, जिसका अंत न्यूजीलैंड ने किया जिसने 92 साल में पहली बार तीन या उससे अधिक मैचों की सीरीज में मेजबान टीम को हराया. उस अवधि में, अश्विन ने भारत के 12 साल से अधिक लंबे घरेलू दबदबे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, क्योंकि उन्होंने 53 मैचों में 20.04 की औसत से 320 विकेट लिए, जिसमें 24 बार पांच विकेट और पांच बार दस विकेट शामिल हैं.