हैदराबाद:वैदिक ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह का विशेष महत्व है. गुरु को शुभ, अच्छा फल देने वाला और सौम्य ग्रह माना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति को धनु और मीन राशियों का स्वामित्व प्राप्त है, जबकि कर्क राशि में वे उच्च के होते हैं. गुरु ग्रह जातक के जीवन में विवाह, शिक्षा, संतान, धन, धर्म और करियर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, शनिदेव के बाद गुरु ग्रह दूसरे ऐसे ग्रह हैं जिनकी चाल सबसे धीमी होती है. गुरु ग्रह प्रत्येक राशि में लगभग 13 महीनों तक रहते हैं, जिसके बाद वे दूसरी राशि में गोचर करते हैं. देवगुरु बृहस्पति कर्क राशि में उच्च के और मकर राशि में नीच के माने जाते हैं. साल 2025 में गुरु ग्रह राशि परिवर्तन करने वाले हैं.
वर्ष 2025 में गुरु ग्रह की चाल इस प्रकार रहेगी
- 15 मई, 2025: गुरु ग्रह मिथुन राशि में गोचर करेंगे.
- 19 अक्टूबर, 2025: गुरु ग्रह कर्क राशि में गोचर करेंगे और अपनी उच्च अवस्था में होंगे.
- 11 नवंबर, 2025: गुरु ग्रह कर्क राशि में वक्री हो जाएंगे.
- 04 दिसंबर, 2025: गुरु ग्रह वक्री अवस्था में ही मिथुन राशि में पुनः गोचर करेंगे.
- 09 जून, 2025: गुरु अस्त हो जाएंगे.
- 09 जुलाई, 2025: गुरु उदय हो जाएंगे.
गुरु के गोचर का राशियों पर प्रभाव
साल 2025 में गुरु के गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा. गुरु के कर्क राशि में उच्च के होने से कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलेगा. गुरु के गोचर का सभी राशियों पर किस प्रकार प्रभाव पड़ेगा, इसका ज्योतिषीय विश्लेषण नीचे दिया गया है.
मेष राशि
मेष राशि, जो कि राशिचक्र की प्रथम राशि है, के लिए गुरु नवम (भाग्य और धर्म का भाव) और द्वादश (व्यय का भाव) भावों के स्वामी होते हैं. वर्ष 2025 में गुरु का गोचर आपकी राशि से तृतीय भाव में होगा, जो कि साहस और पराक्रम का प्रतिनिधित्व करता है. इस गोचर के दौरान, बृहस्पति तृतीय भाव में स्थित होकर सप्तम, नवम और एकादश भावों पर अपनी शुभ दृष्टि डालेंगे. वर्ष 2025 में गुरु के इस राशि परिवर्तन का मेष राशि के जातकों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा. आपके भाग्य में वृद्धि की प्रबल संभावना है और धार्मिक यात्राओं की संख्या बढ़ेगी. व्यापार में उन्नति और धन लाभ के भी शुभ संकेत हैं. देवगुरु बृहस्पति की शुभ दृष्टि से व्यापार में प्रगति, वैवाहिक जीवन में सुख-शांति, कार्यों में सफलता और आय में वृद्धि के योग बनेंगे. समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा. इसके अतिरिक्त, अविवाहित लोगों के लिए 2025 में विवाह होने की संभावना है.
वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों के लिए 2025 में बृहस्पति का गोचर उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त करने में सहायक होगा. नौकरी और व्यवसाय में उन्नति के अवसर मिलने की उम्मीद है, साथ ही वित्तीय लाभ भी होगा. वृषभ राशि के लिए 8वें और 11वें भाव पर शासन करने वाला बृहस्पति 2025 में मिथुन राशि में प्रवेश करेगा और आपके दूसरे भाव (धन का भाव) में प्रवेश करेगा. दूसरा भाव वित्त, वाणी, परिवार और संचित धन से संबंधित है. 2025 में मिथुन राशि में बृहस्पति के प्रवेश के साथ, यह वृषभ राशि के लिए दूसरे भाव में स्थित होगा और अपनी दृष्टि से 6वें, 8वें और 10वें भाव को प्रभावित करेगा. यह गोचर पैतृक संपत्ति, अचानक वित्तीय लाभ और व्यवसाय में अच्छा मुनाफा ला सकता है. वैवाहिक जीवन में खुशी और बच्चों की खुशी की उम्मीद करें. हालांकि, 2025 में, आपको धन संचय करने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
मिथुन राशि
साल 2025 मिथुन राशि वालों के लिए देवगुरु बृहस्पति के गोचर के कारण अत्यंत शुभ रहने की संभावना है. गुरु का यह गोचर मिथुन राशि के जातकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा. जो दंपति संतान प्राप्ति की कामना कर रहे हैं, उनकी इच्छा पूरी हो सकती है. लग्न भाव में गुरु का गोचर आपके विचारों और व्यक्तित्व को सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा. गुरु की दृष्टि पंचम भाव पर होने से छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता मिलेगी. सप्तम भाव पर गुरु की दृष्टि दांपत्य जीवन में खुशियां लाएगी. पूरे वर्ष भाग्य आपके साथ रहेगा, जिससे रुके हुए काम पूरे होंगे. विवाह इच्छुक जातकों के लिए 2025 में विवाह होने की प्रबल संभावना है. धन संबंधी परेशानियां दूर होंगी. नौकरी के अच्छे अवसर मिलेंगे और व्यापार में लाभ और तरक्की के योग बनेंगे.
कर्क राशि
साल 2025 में गुरु ग्रह का गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए बारहवें भाव में होगा. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, गुरु कर्क राशि के लिए छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं. कुंडली का बारहवां भाव व्यय, हानि और आध्यात्मिकता को दर्शाता है. जब देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, तो उनकी शुभ दृष्टि आपके चौथे, छठे और आठवें भाव पर पड़ेगी. साल 2025 में गुरु के बारहवें भाव में गोचर के कारण धर्म और कर्म के प्रति आपकी रुचि बढ़ेगी. आप धार्मिक गतिविधियों में खुलकर दान करेंगे और धार्मिक यात्राएं करने की भी संभावना है. इसके अतिरिक्त, परिवार में सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी और आपको शुभ समाचार प्राप्त हो सकते हैं. भाग्य का साथ मिलेगा, शिक्षा अच्छी रहेगी, घर में शांति बनी रहेगी और वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा.