हैदराबाद: नवरात्रि में मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए जातक तमाम उपाय करते हैं. नियम से रोज पूजा-पाठ तो किया जाता है, लेकिन नवरात्रि के नौ दिनों में कुछ खास उपाय भी किए जाते हैं, जो जातकों के लिए बहुत फलदायी होते हैं. आइये जानते हैं ऐसे कौन से उपाय हैं, जिन्हें करने से मां दुर्गा की असीम कृपा मिलती है.
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि इन नौ दिनों में श्रद्धालु देवी मां को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं, लेकिन जिन जातकों के पास समय की कमी है, वे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं. यह बहुत कारगर और फलदायी माना गया है. यह पाठ बहुत दुर्लभ है. इसके पाठ से जीवन की सभी विपत्तियां दूर होती हैं. उन्होंने कहा कि इसके मंत्र बहुत ही प्रभावशाली हैं, इसमें बीजों का समावेश है. इसके मंत्रों के जाप से श्रद्धालु की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इसका पाठ दुर्गा सप्तशती के पाठ के बराबर माना गया है.
ज्योतिषाचार्य ने आगे बताया कि यह स्तोत्र श्रीरुद्रयामल के मंत्र से सिद्ध है और इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं होती. यह अद्भुत स्तोत्र है, जिसका प्रभाव बहुत चमत्कारी होता है. इस स्त्रोत के पाठ से मनुष्य के पांच बड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं. यह स्तोत्र श्रीरुद्रयामल के गौरी तंत्र में शिव पार्वती संवाद के नाम से वर्णित है. यदि दुर्गा सप्तशती का पाठ मनुष्य को कठिन लगे या पढ़ने का समय न हो तो उसे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. ये सरल होने के साथ ही कम समय में बहुत ही प्रभावकारी असर दिखाता है. मात्र कुंजिका स्तोत्र के पाठ से सप्तशती के सम्पूर्ण पाठ का फल मिल जाता है.
ऐसे करें सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ
उन्होंने कहा कि सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ मनुष्य अपनी सुविधा अनुसार किसी भी वक्त कर सकता है, लेकिन यदि इसे शाम की आरती के बाद किया जाए तो यह बहुत ही तेजी से असर दिखाता है. इसे रात्रि के समय भी किया जा सकता है. स्त्रोत के पाठ के लिए देवी के समक्ष दीपक जला ले और लाल आसन पर लाल वस्त्र पहन कर बैठ जाएं. इसके बाद देवी को धूप-दीप और पुष्प अर्पित कर कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें. सिद्ध कुंजिका स्तोत्र पाठ एकांत में और शांति से करें. जल्दीबाजी में इस पाठ को बिलकुल न करें.
श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र
शिव उवाच