राजकोट: आज शनि जयंती का शुभ अवसर है, इस दिन शनि महाराज की विशेष पूजा और मंत्रोच्चार किया जाता है, सुबह-सुबह शनि देव का ध्यान करने से शनि महाराज की विशेष कृपा बरसती है. शनि महाराज के प्राकट्य दिवस के दिन पूजा और अनुष्ठान का भी विशेष शुभ फल देते हैं इसलिए Shani Jayanti का दिन बहुत महत्वपूर्ण है शनि उपासक माने जाते हैं. शनि जयंती का शुभ अवसर पर शनि पूजा, मंत्र जप, दान कर उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास अमावस्या को शनि महाराज का प्राकट्य दिवस मनाया जा रहा है जिस तरह हर व्यक्ति को उनके जन्मदिन पर उपहार देकर खुश किया जा सकता है उसी तरह इस दिन शनि महाराज की अनमोल कृपा पाने के लिए षोडशोपचार पूजा, मंत्र जप, शनि चालीसा का पाठ करके भी उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है. Shani Jayanti के दिन हर शनि उपासक सुबह-सुबह पूजा अभिषेक करने के बाद शनि महाराज का ध्यान करता है और उन्हें याद करता है, शनिदेव हर जातक पर अपनी कृपा बरसाते हैं इसलिए यह दिन शनि महाराज के भक्तों के लिए बहुत खास माना जाता है.
आज काली वस्तुओं का दान महत्वपूर्ण : Shani Jayanti के शुभ अवसर पर, शनि भक्तों ने बताया कि इस दिन शनि महाराज की पूजा कैसे की जानी चाहिए, साथ ही इस दिन काली वस्तुओं का दान भी बहुत शुभ फल देता है, जिसमें काले उड़द, सरसों का तेल, सिन्दूर और यदि संभव हो तो धतूरे का फूल, नीले-काले रंग का फूल चढ़ाना चाहिए. शनि महाराज की कृपा हर भक्त पर विशेष रूप से देखने को मिलती है. सनातन धर्म में शिवजी के अवतार के रूप में काल भैरव की भी पूजा की जाती है और धतूरे का फूल शिवजी और काल भैरव को भी चढ़ाया जाता है.