हैदराबाद: हिंदू सनातन धर्म में एकादशी के व्रत का बहुत महत्व है. इस दिन व्रत करने से जातक को भगवान की कृपा मिलती है और कष्ट कटते हैं. यहां हम बात कर रहे हैं पौष महीने में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी की. यह एकादशी के व्रत से संतान संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है. आइये विस्तार से जानते हैं पुत्रदा एकादशी 2025 के व्रत के नियम और सावधानियां.
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि पौत्र पुत्रदा एकादशी पौष महीने के शुक्ल पक्ष को रखा जाएगा. इस बार यह शुक्रवार 10 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि इस दिन पति-पत्नी दोनों लोग हो सके तो निर्जल या जलीय व्रत रखें. ऐसा संभव ना हो तो फलाहार कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि हिंदू धर्म में एकादशी को सभी पुण्य काम किए जाते हैं.
क्या हैं पुत्रदा एकादशी 2025 के नियम
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस दिन सुबह-सुबह व्रत रखने का संकल्प लें. स्नान करके सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें. उसके बाद मां तुलसी की पूजा करें. इसके बाद भगवान श्रकृष्ण या जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की विधिवत पूजा-अर्चना करें.
बरतें सावधानियां
डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि व्रत करने वाले जातकों को आज के दिन सात्विकता बरतनी चाहिए. इसके साथ-साथ सात्विक भोजन करना चाहिए. लहसुन, प्याज का सेवन ना करें. साफ-सुथरे वस्त्र पहनें और घर का माहौल शांतिपूर्वक बनाएं रखें.
व्रत का पारण समय
एकादशी व्रत का पारण अगले दिन अर्थात शनिवार 11 जनवरी, शनिवार को सुबह 7:00 से सुबह 8:30 बजे तक किया जा सकेगा.
एकादशी व्रत करने की विधि
- पुत्रदा एकादशी 2025 व्रत से एक दिन पहले से ही सात्विक भोजन करना चाहिए.
- एकादशी व्रत के दिन सुबह स्नान के उपरांत भगवान श्री हरि विष्णु की उपासना करनी चाहिए या भगवान विष्णु हरि के अवतार भगवान श्री कृष्ण या श्री रामचंद्र जी की भी पूजा उपासना की जा सकती है.
- भगवान को धूप, दीप, फल, पुष्प, दुग्ध, मक्खन, मेवा, तुलसी पत्र इत्यादि जो भी उपलब्ध हो अर्पित करना चाहिए.
- इस दिन तामसिक भोजन लहसुन प्याज या किसी भी तरह का अनाज (अन्न) व चावल इत्यादि खाना वर्जित माना गया है.
- इस दिन आवश्यक होने पर फल एवं दूध व दूध से बनी हुई वस्तुओं का सेवन किया जा सकता है.
- कोई भी फल-दूध इत्यादि ग्रहण करने से पहले भगवान के भोग लगाएं और भोग में तुलसी दल अवश्य डालें, तत्पश्चात आप प्रसाद स्वरूप आप स्वयं ग्रहण कर सकते हैं.
- एकादशी व्रत के दिन किसी भी तरह का अनर्गल बात नहीं करना चाहिए, इस दिन झूठ, निंदा, ईर्ष्या, राग, द्वेष इत्यादि से बचना चाहिए.
- एकादशी व्रत के दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान की कथा श्रवण, नाम जप, मंत्र जाप, गीता व श्री रामचरितमानस इत्यादि के पाठ करने चाहिए.
- एकादशी व्रत के दूसरे दिन पारण के समय भगवान को सात्विक भोजन का भोग लगाना चाहिए व भोजन का कुछ हिस्सा गाय को भी खिलाना चाहिए और किसी सात्विक प्रवृत्ति के व्यक्ति को दक्षिणा इत्यादि देने के उपरांत अपना व्रत खोलना चाहिए.
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 के दिन संतान की मंगलमय कामना के लिए आप यह कर सकते हैं.
- पुत्रदा एकादशी 2025 व्रत रखने से संतान की आयु, सुख व उन्नति में वृद्धि होती है. जिन लोगों के संतान नहीं है उनको संतान प्राप्ति की कामना पूर्ण होती है.
- प्रातः काल पति-पत्नी दोनों संयुक्त रूप से भगवान श्री कृष्ण की उपासना करें.
- भगवान श्री कृष्ण के सामने बैठकर व शुद्ध देसी गाय का घी का दीपक जलाकर संतान गोपाल मंत्र का जाप या गोपाल सहस्त्रनाम के पाठ करें.
- मंत्र जाप इत्यादि के बाद पति-पत्नी प्रसाद स्वरूप भगवान का चरणामृत ग्रहण करें.
- गाय की सेवा करें, पात्र व्यक्ति को दान दक्षिणा दें.
- इस मंत्र का जाप करें.
मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्,
यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्दमाधवम्।।