मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / spiritual

पितृपक्ष में पितरों को खुश करने जरूर करें ये काम, तर्पण और भोजन में भूलकर भी न करें ये गलती - Pitru Paksha 2024

पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है. यानि की 17 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहे हैं जो 2 अक्टूबर तक चलेंगे. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए पितृपक्ष में पितरों को खुश रखने के लिए क्या करना चाहिए.

PITRU PAKSHA 2024
पितृपक्ष में पितरों को खुश करने जरूर करें ये काम (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 16, 2024, 10:29 PM IST

Pitru Paksha 2024:पितृ पक्ष की शुरुआत होने जा रही है. पितृपक्ष में पितरों को खुश करने के लिए लोग तरह-तरह के जतन करते हैं, तरह-तरह के उपाय करते हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं कि पितृ पक्ष में तर्पण करने का क्या तरीका होता है. पितृपक्ष में पितृ नाखुश ना हो तो क्या उपाय करने चाहिए. साथ ही पितृ पक्ष में भोजन करते समय किन-किन के लिए भोजन निकालना अनिवार्य होता है.

पितृपक्ष कब से कब तक

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि 'कुमार कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से लेकर के अमावस्या के बीच में 15 तिथियां होती हैं और जिनका स्वर्गवास पूर्णमासी को हुआ है, तो पूर्णमासी से लेकर के अमावस्या के बीच में 16 तिथियां होती हैं. जिन्हें 16 श्राद्ध तिथियां प्रसस्त की गई है. इस बार पित्र पक्ष 17 सितंबर से लेकर के 2 अक्टूबर तक रहेगा.

ऐसे लोग पितृपक्ष में जरूर करें ये काम

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि 'जो लोग अपने पितृ को गया धाम लेकर नहीं गए हैं. ऐसे पितर पितृ पक्ष में अपने-अपने घरों में याद करके आते हैं, ऐसे लोगों के लिए नियम है कि घर के सामने एक छोटा सा चबूतरा बना ले, वहां गोबर से लीप लें, वहां तिल, उड़द की दाल और चावल और पीला फूल छोड़कर के उनको बैठाएं और घर के जो सयाने पुरुष हैं, वो स्नान करके तिल से पितरों का तर्पण करें. जौ से ऋषियों का तर्पण करें और चावल से देवताओं का तर्पण करें, यानी तीन-तीन अंजुली कुल 9 अंजुली तर्पण प्रतिदिन करते रहें.

जिस दिन जातक की जो तिथि पड़े उस तिथि को विशेष रूप से तर्पण करें, हवन करें और भोजन बनवा करके पूरा भोजन उस चबूतरा के पास निकाल करके जल घुमा दे और ब्राह्मण भोजन कराएं. अपने हिसाब से जो यथाशक्ति दान पुण्य हो सकता है, वो करें तो पितरों को मिलता है. पितरों का इस तरह से तर्पण करने से वो बहुत प्रसन्न होते हैं और वो घर के सभी को आशीर्वाद देते हैं. जिन घरों में पितृ आते हैं, जिनका तर्पण नहीं होता है, वहां पर अशुभ होता है. वो श्राप भी देते हैं. घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश होती है, इसलिए ध्यान रखें कि पितरों का 16 दिन तक तर्पण जरूर करें. जिस तिथि को प्राणी का देहांत हुआ है, उस तिथि को तर्पण करके विशेष रूप से उड़द की दाल का पकवान और चावल दाल पूड़ी सब्जी जो घर में बने सब भोग लगाएं, तो पितर बहुत प्रसन्न होते हैं. उस घर को आशीर्वाद देते हैं, इस तरह से पितरों की पूजा होती है.

ऐसे करें तर्पण

तर्पण करने के लिए अगर नदी तालाब हो तो स्नान कर लें, वहां तर्पण करें, ये सुविधा नहीं मिलती है, तो घर में एक परात रखें. दक्षिण दिशा में फिर कर बैठ जाएं और सामग्री तिल जौ चावल सफेद फूल सामने रख लें और दक्षिण की ओर घूम कर के तिल से तीन बार पितरों का तर्पण करें, फिर पूर्व की ओर घूम करके चावल से देवताओं का तर्पण करें. फिर उत्तर दिशा की ओर घूम कर के जौ लेकर के ऋषियों का तर्पण करें, तीन-तीन अंजुली लेकर तर्पण करें. पितरों का जिनका नाम याद है, उनका नाम लेकर उनके गोत्र का नाम और उस जातक का नाम लेकर के तर्पण करें, जिनका नाम नहीं मालूम है बस याद कर करके सबको याद करके तर्पण करें, तो पितृ बहुत प्रसन्न होते हैं, घर में शुभ आशीर्वाद देते हैं.

यहां पढ़ें...

पितृपक्ष में गया के लिए रेलवे चलाएगी स्पेशल ट्रेन, मध्य प्रदेश के 9 शहरों से मिलेगी सीधी ट्रेन, यह है टाइम टेबल

शुरू होने जा रहे पितृ पक्ष, जानिए श्राद्ध से लेकर पिंडदान तक की पूरी जानकारी, इन 4 को भोजन कराना बिल्कुल न भूलें

पितृपक्ष में इनके लिए जरूर निकालें भोजन

पितृपक्ष में पांच ग्रास निकाले जाते हैं. पहला ग्रास ब्राह्मण भोजन कराना पड़ता है, दूसरा गाय को भोजन देना पड़ता है, तीसरा कुत्ता को देना पड़ता है, चौथा कौवा को देना पड़ता है. पांचवा जीव जंतु के लिए सड़क के किनारे रख करके जल घुमा करके प्रणाम करें, तो उससे भी पितृ लोग बहुत प्रसन्न होते हैं. पांच ग्रास निकालने के लिए नियम है कि पूजन करने के बाद जब भोजन बन जाता है तो पहले गाय के लिए निकालें, फिर ब्राह्मण को खिलाओ, फिर कुत्ता के लिए, कौवा के लिए, जीव जंतु के लिए निकाल दें. कुछ जगह एक साथ ही गाय के साथ ही सबके लिए भोजन निकाल दिया जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details