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नागपंचमी पर सर्प दोष को शांत करेंगे यह अचूक उपाय, शिवजी की बनी रहेगी कृपा, मिलेगा पुण्य - Nag Devta Puja Vidhi in Right Way - NAG DEVTA PUJA VIDHI IN RIGHT WAY

नागपंचमी का पर्व नागदेवता को समर्पित है. इस साल नागपंचमी का त्योहार 9 अगस्त को पड़ रहा है. नागदेवता की पूजा करने से कालसर्प के दोष से मुक्ति मिलती है. लेकिन भगवान शिव की पूजा करने के बाद ही नागदेवता की पूजा करना चाहिए. जानिये नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा करने से कौन-कौनसे पुण्य मिलते हैं.

NAG DEVTA PUJA VIDHI IN RIGHT WAY
नागपंचमी पर सर्प दोष से मुक्ति के उपाय (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 24, 2024, 10:15 AM IST

Naga Panchami 2024:लगातार आपके सपने में सांप दिखाई दे, आपको लगता है कि कभी भी सांप आपको काट सकता है या मन में हमेशा डर बना रहता है कf आपको सांपों से खतरा है. तो आपकी कालसर्प दोष कुंडली में विषकन्या योग या अश्वगंधा योग हो सकता है. इन दोषों से मुक्ति के लिए नाग पंचमी पर विशेष पूजा करने से ग्रह दशा कट सकती है. कुंडली में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए नाग पंचमी पर नाग देवता की किस विधि से करें पूजा और किन्हें मिलेगा लाभ? जानिए पंडित आत्माराम शास्त्री से.

नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा, दोषों से मिलेगी मुक्ति

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि ''व्यक्ति के जन्म के समय जब राहु-केतु एक-दूसरे के आमने-सामने होते हैं और सारे सातों ग्रह भी जब राहु-केतु के एक तरफ आ जाते हैं, तो दूसरी तरफ कोई ग्रह नहीं होता. जिससे कि राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव उस व्यक्ति की कुंडली पर पड़ जाता है. इस स्थिति को कालसर्प दोष कहा जाता है. जिसमें व्यक्ति को सोते समय सांप के सपने आते हैं, सपने में ही सांप व्यक्ति को काटता है. इसके साथ जो व्यक्ति जिंदा होते हैं उनके मरने के भी सपने व्यक्ति को दिखाई देते हैं. इसकी वजह से व्यक्ति में हमेशा डर बना रहता है कि कोई सांप उसे कभी भी डस लेगा. जिनकी कुंडली में विषकन्या योग या अश्वगंधा योग हो, ऐसे लोगों को भी इस दिन पूजा उपासना करनी चाहिए. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की विशेष पूजा करने से इन दोषों के जातक को मुक्ति मिलती है.'' Remedies of Sarp Dosh Mukti

नागपंचमी पर ऐसे करें पूजा तो मिलेगा फायदा

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है. नागपंचमी पर पूजा के लिए गाय का दूध, धान का लावा, सफेद फूल, धूप और गेहूं की खीर का भोग लगाकर नाग की तस्वीर बनाकर पूजन करना चाहिए. पूजा के बाद नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए नाग गायत्री मंत्र 'ॐ नवकुल नागाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि, तन्नो सर्पः प्रचोदयात'का जाप करने से कुण्डली में कालसर्प दोष, सर्प श्राप से मुक्ति मिल सकती है.

नाग पंचमी पर बनता है खास भोजन, तवे का नहीं होता उपयोग

नाग पंचमी पर बनने वाले पकवान भी खास होते हैं और इन्हीं पकवानों से नाग देवता की पूजा भी की जाती है. पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि ''नाग पंचमी के दिन चूल्हे पर तवा नहीं चढ़ाया जाता और न ही इस दिन दाल और चावल पकाए जाते हैं. क्योंकि तवे को नाग देवता की पीठ माना गया है, चावल को नाग देवता के दांत और दाल को आंखों की संज्ञा दी गई है. इसलिए पूजा करने के लिए इस दिन खड़े गेहूं की खीर, पूड़ी और सब्जी बनाकर पूजा की जाती है.

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शिवजी की पूजा के बिना न करें नाग देवता की पूजा

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि ''नाग पंचमी श्रवण पक्ष के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाई जाती है. साल 2024 में तिथि के अनुसार शुक्रवार 9 अगस्त को नाग पंचमी मनाई जाएगी. इस दिन नाग देवता की पूजा तो करनी चाहिए, लेकिन खास बात ये है कि बिना शिवजी की पूजा करें नाग देवता की पूजा सफल नहीं होगी. इसलिए सबसे पहले शिवजी का पूजन करना चाहिए. शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद बेल पत्र चढ़ाएं और फिर नाग देवता की पूजा शिव जी के आभूषण और श्रृंगार के रूप में ही करें, तो आपको आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलेगी.

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