हैदराबाद: हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है. विशेष दिन पर देवी गंगा की पूजा की जाती है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि Ganga saptami के दिन मां गंगा का पुनर्जन्म हुआ था. भक्त इस दिन पवित्र स्नान करने, पूजा करने और देवी गंगा का आशीर्वाद पाने के लिए गंगा नदी के तट पर इकट्ठा होते हैं. इस साल की गंगा सप्तमी बेहद महत्वपूर्ण है, आज के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं व सर्वार्थ सिद्धि योग भी है इसलिए इस साल की Ganga saptami बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है. द्रिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष गंगा सप्तमी 14 मई को मनाई जाएगी. गंगा सप्तमी का मध्याह्न मुहूर्त 14 मई को सुबह 10:56 से दोपहर 1:39 बजे तक है.
गंगा सप्तमी की मान्यता :Ganga saptami को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है. मां गंगा धरती पर पुनः अवतरित हुई थी. पौराणिक कथाओं के अनुसार जाह्नु ऋषि ने आज ही के दिन गंगा को अपने कान से मुक्त किया था इसलिए मां गंगा को जाह्नु ऋषि की पुत्री 'जाह्नवी' ( Janhvi ) के नाम से भी जाना जाता है और गंगा सप्तमी को Jahnu Saptami के नाम से भी जाना जाता है.
गंगा सप्तमी का महत्व : वैसे तो गंगा स्नान का अपना ही महत्व है, लेकिन गंगा सप्तमी तिथि को गंगा स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. लोगों का मानना है कि Ganga saptami के दिन स्नान करने से मनुष्य को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है. उनके पाप धुल जाते हैं और पितृ दोष दूर होता है. पितृ दोष दूर करने के लिए इस दिन गंगा में डुबकी लगाने के साथ-साथ पितरों को अर्घ्य भी दिया जाता है.