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तुलसी दल से जुड़े इन नियमों को ना करें नजरअंदाज, वरना भुगतने होंगे बुरे परिणाम - IMPORTANT FACTS ABOUT TULSI DAL

Important facts about Tulsi dal: सनातन धर्म में तुलसी की पूजा अवश्य करनी चाहिए. आइये जानते हैं इससे जुड़े नियम.

IMPORTANT FACTS ABOUT TULSI DAL
तुलसी पूजन का महत्व (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 5, 2024, 10:35 AM IST

हैदराबाद: हिंदू शास्त्र में तुलसी पूजन का विशेष महत्व है. हर शुभ कार्य में तुलसी के पत्ते चढ़ाए जाते हैं. ऐसी मान्यता है कि जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु तुलसी दल से बेहद प्रसन्न होते हैं. वैसे आजकल हर घर में तुलसी का पौधा पाया जाता है. इसको लेकर सावधानियां भी बरतनी चाहिए, लेकिन जाने-अनजाने में तुलसी से जुड़े नियमों में कई बार गलतियां हो जाती हैं, जिसे हम नजरअंदाज कर देते हैं. जिसके भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि तुलसी पूजा में जरूरी बातों का अवश्य ख्याल रखें. उन्होंने कहा कि पुरानी परंपरा चली आ रही है कि घर में तुलसी का होना जरूरी है. शास्त्रों में तुलसी को पूजनीय, पवित्र और देवी का स्वरूप बताया गया है. यदि आपके घर में भी तुलसी हो तो यहां बताई जा रही ये बातें हमेशा ध्यान रखनी चाहिए. यदि ये बातें ध्यान रखी जाती हैं तो सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा हमारे घर पर बनी रहती है. घर में सकारात्मक और सुखद वातावरण रहता है. पैसों की कमी नहीं आती है और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है.

यहां जानिए शास्त्रों के अनुसार बताई गई तुलसी की खास बातें...

  1. तुलसी के पत्ते चबाना नहीं चाहिए
    ज्योतिषाचार्य ने बताया कि तुलसी का सेवन करते समय ध्यान रखें कि इन पत्तों को चबाए नहीं, बल्कि निगल लेना चाहिए. इस तरह तुलसी का सेवन करने से कई रोगों में लाभ मिलता है. तुलसी के पत्तों में पारा धातु के तत्व होते हैं. पत्तों को चबाते समय ये तत्व हमारे दांतों पर लग जाते हैं जो कि दांतों के लिए फायदेमंद नहीं है. इसीलिए तुलसी के पत्तों को बिना चबाए ही निगलना चाहिए.
  2. शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ाना चाहिए
    उन्होंने कहा कि शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाना चाहिए. इस संबंध में एक कथा बताई गई है. कथा के अनुसार, पुराने समय दैत्यों के राजा शंखचूड़ की पत्नी का नाम तुलसी था. तुलसी के पतिव्रत धर्म की शक्ति के कारण सभी देवता भी शंखचूड़ को हराने में असमर्थ थे. तब भगवान विष्णु ने छल से तुलसी का पतिव्रत भंग कर दिया. इसके बाद शिवजी ने शंखचूड़ का वध कर दिया. जब ये बात तुलसी को पता चली तो उसने भगवान विष्णु को पत्थर बन जाने का श्राप दिया. विष्णुजी ने तुलसी का श्राप स्वीकार कर लिया और कहा कि तुम धरती पर गंडकी नदी तथा तुलसी के पौधे के रूप में हमेशा रहोगी. इसके बाद से ही अधिकांश पूजन कर्म में तुलसी का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है, लेकिन शंखचूड़ की पत्नी होने के कारण तुलसी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाई जाती है.
  3. तुलसी के पत्ते कुछ खास दिनों में नहीं तोड़ना चाहिए
    तुलसी के पत्तों को एकादशी, रविवार और सूर्य और चंद्र ग्रहण के समय भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए. इन दिनों में और रात के समय तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ना चाहिए. बिना वजह तुलसी के पत्ते कभी नहीं तोड़ें. ऐसा करने पर दोष लगता है. अनावश्यक रूप से तुलसी के पत्ते तोड़ना, तुलसी को नष्ट करने के समान माना गया है.
  4. रोज करें तुलसी का पूजन
    हर रोज तुलसी पूजन करना चाहिए. साथ ही, तुलसी के संबंध में यहां बताई गई सभी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए. हर शाम तुलसी के पास दीपक जलाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि जो लोग शाम के समय तुलसी के पास दीपक जलाते हैं, उनके घर में महालक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है.
  5. तुलसी से दूर होते हैं वास्तु दोष
    घर-आंगन में तुलसी होने से कई प्रकार के वास्तु दोष भी समाप्त हो जाते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति पर भी इसका शुभ असर होता है.
  6. तुलसी घर में हो तो नहीं लगती है बुरी नजर
    ऐसी मान्यता है कि तुलसी से घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती है. साथ ही, घर के आसपास की किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा पनप नहीं पाती है. सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
  7. तुलसी से वातावरण होता है पवित्र
    तुलसी से घर का वातावरण पूरी तरह पवित्र और हानिकारक सूक्ष्म कीटाणुओं से मुक्त रहता है. इसी पवित्रता के कारण घर में लक्ष्मी का वास होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है.
  8. तुलसी का सूखा पौधा नहीं रखना चाहिए
    घर में यदि घर में लगा हुआ तुलसी का पौधा सूख जाता है तो उसे किसी पवित्र नदी में, तालाब में या कुएं में प्रवाहित कर देना चाहिए. तुलसी का सूखा पौधा घर में रखना अशुभ माना जाता है. एक पौधा सूख जाने के बाद तुरंत ही दूसरा पौधा लगा लेना चाहिए. घर में हमेशा स्वस्थ तुलसी का पौधा ही लगाना चाहिए.
  9. औषधि भी है तुलसी
    आयुर्वेद में तुलसी को संजीवनी बूटी के समान माना जाता है. तुलसी में कई ऐसे गुण होते हैं जो बहुत-सी बीमारियों को दूर करने में और उनकी रोकथाम करने में सहायक होते हैं. तुलसी का पौधा घर में रहने से उसकी महक हवा में मौजूद बीमारी फैलाने वाले कई सूक्ष्म कीटाणुओं को नष्ट करती है.
  10. रोज तुलसी की एक पत्ती सेवन करने से मिलते हैं ये फायदे
    तुलसी की महक से सांस से संबंधित कई रोगों में लाभ मिलता है. साथ ही, तुलसी का एक पत्ता रोज सेवन करने से हम सामान्य बुखार से बचे रहते हैं. मौसम परिवर्तन के समय होने वाली बीमारियों से बचाव हो जाता है. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, लेकिन हमें नियमित रूप से तुलसी का सेवन करते रहना चाहिए.

एक और बात तुलसी कृष्ण को बेहद प्यारी हैं, इसलिये प्रतिदिन कान्हा के चरणों में तुलसीदल यानि तुलसी का पत्ता ज़रूर अर्पण करना चाहिये. कृष्णसेवा के प्रत्येक भोग में तुलसी दल रखकर अर्पण करना चाहिये.

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