पटना: हिंदू धर्म में हर दिन का अपना अलग महत्व है. इसी शास्त्रों द्वारा शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा की जाती है. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि शनिवार का दिन शनि महाराज और काल भैरव को समर्पित है. शनि महाराज को निर्णायक ग्रह कहा जाता है शनि देव का नाम आते ही लोगों में भय पैदा हो जाता है.
शनिदेव की पूजा का महत्व: अगर जिन लोगों पर शनि देव की टेढ़ी नजर होती है उनके ऊपर तमाम तरह की विपत्तियां और दुख आता है. इसलिए विपत्ति और दुख से बचने के लिए हर शनिवार के दिन भक्त शनिदेव की पूजा करते हैं. शनि देव की पूजा में सरसों का तेल से दीपक जलाने का विशेष महत्व है. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि शनिवार का व्रत करने से जिन भक्तों पर साढ़े साती होता है, शनि देव के आशीर्वाद से दुख पीड़ा दूर हो जाता है.
पूजा करने से दूर होंगी ये समस्याएं: जो भक्त शनिदेव को खुश करना चाहते हैं और श्रावण मास में पड़ने वाले शनिवार से व्रत की शुरुआत कर सकते हैं. इस व्रत की शुरुआत किसी भी शुक्ल पक्ष के शनिवार से शुरू किया जा सकता है. शनि देवता का व्रत और पूजा करने से घर में सुख, शांति, विघ्न, बाधा और नौकरी पेशा में लाभ मिलता है. जो भक्त इस व्रत को करते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि हर शनिवार को शनि देव के मंदिर पहुंचकर भगवान को सच्चे श्रद्धा मन से पूजा अर्चना करें. सरसों तेल का दीपक जलाएं, काला चंदन और काला तिल चढ़ाए और लगाए.