हैदराबाद: होली का त्यौहार आने ही वाला है. होली का नाम सुनते ही मन में हर्षोल्लास और प्रेम की भावना उमड़ने लगती है. इस साल Holi का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा. होली से पहले ही होलाष्टक लग जाता है. शास्त्रों के अनुसार Holashtak फाल्गुन मास की अष्टमी से शुरू होकर होलिका दहन तक आठ दिनों की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है और यह पूर्णिमा तक प्रभावी रहता है. पूर्णिमा की रात को होलिका दहन के साथ ही Holashtak समाप्त हो जाता है. Holika dahan 24 March की रात 11:9 मिनट से लेकर 25 March दोपहर 12:30 मिनट तक रहेगा. इस बार होलिका दहन 24 March को होगा.
मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक को अशुभ माना जाता है. इन 8 दिनों की अवधि में सभी शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है होलाष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है होली और अष्टक. अष्टक का अर्थ होता है आठ, इसलिए होली के पहले के 8 दिनों को Holashtak कहा जाता है. इस साल होलाष्टक 17 मार्च से शुरू होकर 24 मार्च तक रहेगा. Holashtak की अवधि में शुभ कार्यों से बचना चाहिए, लेकिन यह अवधि पूजा-पाठ जप-तप करने के लिए बहुत ही उपयुक्त मानी जाती है.
होलाष्टक से जुड़ी मान्यताएं
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु के परम भक्त प्रहलाद ( Prahlad ) को उसके पिता ने Holi से पहले 8 दिन की अवधि के दौरान उसे कई प्रकार से कष्ट और यातनाएं दी, इस कारण से इस अवधि को शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है. इस दौरान नए व्यवसाय व नए गृह निर्माण की शुरुआत, गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन, विदाई जैसे आदि शुभ-मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए.