हैदराबाद: हिंदू धर्म में शिवरात्रि और महाशिवरात्रि का बहुत ही महत्व है. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव की प्रसन्नता और आशीर्वाद के लिए शिवरात्रि का दिन बहुत ही खास होता है. इस दिन की गई पूजा-पाठ से शंकर भगवान अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनचाहा आशीर्वाद प्रदान करते हैं. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है शिवरात्रि अर्थात भगवान शिव को समर्पित रात.
यूं तो 1 वर्ष में कुल 12 शिवरात्रि आती हैं परंतु जिस वर्ष अधिक मास होता है उस वर्ष 13 शिवरात्रि होती हैं. भक्तजन प्रत्येक महीने की शिवरात्रि को मासिक शिवरात्रि के नाम से भी जानते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है. एक मान्यता के अनुसार जब भगवान शिव ने पहली बार लिंग का रूप धारण किया था उस दिन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि थी तब से मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाने लगा. एक अन्य मान्यता के अनुसार मासिक शिवरात्रि शिव-शक्ति के मिलन के प्रतीक का पर्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह चतुर्दशी तिथि के दिन हुआ था. इस कारण से प्रत्येक माह शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है.
ऐसे करें पूजा
इस दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर घर में अथवा किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें. उन्हें बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि अर्पित करें. उसके बाद धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें. यथाशक्ति भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करें. शिव चालीसा एवं शिव तांडव स्त्रोत का भी पाठ करें. उसके बाद भगवान शिव की आरती करें. मान्यताओं के अनुसार इस दिन रात में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है. इसलिए शिवरात्रि के चारों पहर भगवान शिव की पूजा करें. इस दिन निश्चित काल अर्थात मध्य रात्रि ( 12 AM से 12.50 ) में भगवान शिव की पूजा अवश्य ही करें. Masik Shivratri significance . feb 8 special day . shivratri 2024 date . shivratri kab hai . mahashivratri kab hai. Masik Shivratri . Lord Shiva . Bhagvan Shiva .