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जया एकादशी क्यों है खास, बस कर लें ये काम होंगे लाभ ही लाभ

Jaya Ekadashi 2024: फरवरी महीने में जो एकादशी पड़ रही है वह बहुत ही खास एकादशी है.माघ महीने में शुक्ल पक्ष को जो एकादशी होती है उसे जया एकादशी कहा जाता है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं इस बार क्यों खास है जया एकादशी.

jaya ekadashi 2024
जया एकादशी क्यों है खास

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 14, 2024, 8:29 PM IST

Jaya Ekadashi। फरवरी महीने में जो एकादशी पड़ रही है वह बहुत ही खास एकादशी है और इस एकादशी में व्रत और पूजा पाठ करने से बहुत से लाभ होते हैं. माघ महीने में शुक्ल पक्ष को जो एकादशी होती है उसे जया एकादशी कहा जाता है. इसे भैमी एकादशी भी कहते हैं.जया एकादशी का व्रत करने से हर वो काम पूरा हो जाता है जिसमें परेशानी आ रही होती है.

जया एकादशी कब ?

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जया एकादशी इस बार आने वाले 20 फरवरी को ही पड़ रही है, माघ महीने में शुक्ल पक्ष की जो एकादशी होती है, उसे जया एकादशी कहा जाता है.ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी की शुरुआत तो 19 फरवरी को ही हो जाएगी लेकिन 20 फरवरी को भी यह रहेगी और अपने यहां उड़िया तिथि मान्य होती है इसलिए 20 फरवरी को ही जया एकादशी मान्य होगी. जया एकादशी के व्रत में भगवान विष्णु के माधव रूप की पूजा करने का विधान है.

जया एकादशी क्यों है खास ?

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि 20 फरवरी को जो एकादशी है उसे जया एकादशी के साथ ही भैमी एकादशी भी कहते हैं. उस दिन रवि योग भी है. जो व्यक्ति जया एकादशी के दिन व्रत करता है,उनके पितरों के मोक्ष गति के लिए बहुत ही उत्तम समय होता है.

परेशानी वाले काम होते हैं पूरे

आपको यदि किसी काम में दिक्कतें आ रही हैं, परेशानी है, समय से काम नहीं हो रहा है तो जया एकादशी का व्रत जरूर करें. ऐसा करने से हर वो काम पूरा हो जाता है जिसमें परेशानियां आ रही होती हैं. विशेषकर जो पितृ किसी कारण वश मोक्ष गति नहीं पाए हैं, उनको मोक्ष गति मिलती है. घर में उनका आशीर्वाद बरसता है, घर में शांति बनी रहती है और तरक्की के सभी रास्ते खुल जाते हैं. कारोबार, विद्या प्राप्ति है, जिस घर में अशांति होती है उस घर में भी शांति मिलती है और उत्तम समय रहता है.

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ऐसे लें व्रत का संकल्प

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "जया एकादशी में अगर व्रत करना चाह रहे हैं तो एक दिन पहले सोमवार को रात 10 बजे से पहले भोजन कर लें, प्रातः कालीन सूर्योदय के समय उठकर स्नान करें, स्नान करने के बाद भगवान विष्णु जी को स्नान कराएं या राजा रामचंद्र जी को स्नान कराएं. स्नान कराने के बाद हाथ में जल लेकर के संकल्प करें कि आज एकादशी का व्रत हम अपने पूर्वजों के लिए, अपने परिवार के लिए अपने जनों के लिए आज हम ये व्रत कर रहे हैं. व्रत पूर्ण होने पर हमको सुख शांति मिले, और हमारे जो पूर्वज है उन्हें प्रेत योनि ना मिले, उनको मोक्ष गति मिले, इस कामना के लिए आज हम व्रत कर रहे हैं." फिर दिनभर व्रत रहें. सायं कालीन भगवान विष्णु जी का पूजन करें. भगवान को फलाहार का भोग लगाएं और जो व्यक्ति व्रत कर रहे हैं वो शाम को फलाहार का ही सेवन करें.

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