Don't Keep These Things In Bedroom:बेडरूम को सिर्फ सोने की जगह मानकर लोग कई गलतियां कर जाते हैं. जिसके चलते कई तरह की मानसिक परेशानियों और बीमारियों का सामना करना पड़ता है. इन परेशानियों और बीमारियों से बचने के लिए लोग छोटे-छोटे उपाय कर सकते हैं. वास्तु शास्त्र में बेडरूम यानि शयन कक्ष के महत्व और ध्यान रखी जाने वाली बातों को विस्तार से बताया गया है. अगर आप गंभीरता से इन बातों का ध्यान रखते हैं तो बेडरूम आपके लिए परेशानी या बीमारी का कारण नहीं, बल्कि आपकी तरक्की और अच्छी सेहत की वजह बन सकता है.
क्या कहते हैं जानकर
ज्योतिषाचार्य और वास्तु शास्त्र के जानकार पंडित अनिल पांडेय कहते हैं कि, वास्तु शास्त्र में शयनकक्ष के निर्माण और सजावट से लेकर कई जानकारियां और महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं. अपने घर का निर्माण करते समय शयनकक्ष कैसा हो और उसकी सजावट कैसी की जाए, इसका अगर आप विशेष ध्यान रखते हैं, तो आपके जीवन की नकारात्मकता, सकारात्मक में बदल जाएगी. अनिद्रा या तनाव के कारण होने वाली बीमारियों से आपको छुटकारा मिलेगा.
शयन कक्ष की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, शयन कक्ष की दिशा पर सबसे पहले विचार किया जाता है. वास्तु के अनुसार शयन कक्ष दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए. जिससे व्यक्ति को रोग, तनाव और नकारात्मकता से छुटकारा मिलता है.
बिस्तर बिछाने का तरीका
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिस्तर बिछाने का असर आपकी सेहत और जीवन शैली पर पड़ता है. आपको ये विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि बिस्तर पर हमारा सिर किस दिशा में हो. वास्तु शास्त्र के अनुसार, बिस्तर का सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए.
शयनकक्ष का दरवाजा
शयनकक्ष का निर्माण करते समय आपको विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि शयनकक्ष का दरवाजा किस तरफ खुलता है. अगर शयनकक्ष का दरवाजा पश्चिम और दक्षिण की तरफ खुलता है, तो नुकसानदायक हो सकता है. शयनकक्ष का दरवाजा उत्तर या पूर्व की तरफ खुलना चाहिए.
शयन कक्ष में आईना
कई लोगों की आदत होती है कि अपने बेडरूम को ही ड्रेसिंग रूम बना लेते हैं और ड्रेसिंग टेबल को शयनकक्ष में रखते हैं. लेकिन वास्तु शास्त्र के हिसाब से शयन कक्ष में आईना नहीं होना चाहिए. अगर आप शयन कक्ष के पास ड्रेसिंग रूम बनाना चाहते हैं, तो कक्ष से लगाकर अलग ड्रेसिंग रूम बनाएं. Peaceful Bedroom Tips
शयन कक्ष की दीवारों का रंग
शयन कक्ष की दीवारों के रंगों को लेकर भी वास्तु शास्त्र में कई बातें बताई गयी हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार शयन कक्ष में गहरे रंग प्रयोग नहीं करना चाहिए. शयन कक्ष की दीवारों पर हल्के रंग का उपयोग करना सुखदायक होता है.