जानिए कब है बसंत पंचमी, ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा, देखें शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है.ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानिए बसंत पंचमी का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...
Basant Panchami 2024।फरवरी का महीना चल रहा है और फरवरी के महीने में बसंत पंचमी भी आती है. बसंत पंचमी का दिन बहुत खास होता है. खासकर विद्यार्थियों के लिए बहुत ही खास दिन माना जाता है. माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है, ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि इस दिन से ही बसंत ऋतु का आगमन भी होता है.
बसंत पंचमी कब ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि 'इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी. वैसे तो 13 फरवरी को ही माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत दोपहर बाद से हो जाएगी, लेकिन अगले दिन 14 फरवरी को दोपहर लगभग 12 बजे तक यह तिथि रहेगी. 14 फरवरी को उदया तिथि पड़ रही है, और अपने यहां उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी को ही मनाई जाएगी.'
खास है बसंत पंचमी का दिन
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि बसंत पंचमी का दिन एक ऐसा दिन होता है. जिस दिन किसी भी शुभ कार्य को शुरू किया जा सकता है. बसंत पंचमी कला, साहित्य, शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बहुत ही खास दिन होता है. इस दिन विद्यार्थी, शिक्षक, कला, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग बड़े धूमधाम से और विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करते हैं. बसंत पंचमी के दिन ही मां सरस्वती का जन्म हुआ था. इसलिए भी यह दिन बहुत खास है.
ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बसंत पंचमी एक बहुत ही खास दिन होता है. इस दिन बहुत ही खास मुहूर्त भी होता है. इस दिन किसी भी तरह के शुभ कार्य की शुरुआत की जा सकती है. फिर चाहे वो विद्यारंभ हो, स्कूल की शुरुआत, गृह प्रवेश, किसी नए स्कूल के भवन निर्माण की शुरुआत, किसी नए स्कूल के शुरू करने का दिन, विवाह, हर तरह के शुभ कार्य के लिए बहुत ही शुभ दिन माना गया है. नए वस्तुओं के खरीदने के लिए भी शुभ मुहूर्त है.
ऐसे करें पूजा
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि 'बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के लिए सुबह से ही शुभ मुहूर्त है. ऐसे में जो भी विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा करना चाहते हैं. वह सुबह-सुबह स्नान करें. चाहे तो इस दिन उपवास भी कर सकते हैं. आम के बौर की व्यवस्था कर लें, अगर मिल जाए तो लाल और सफेद फूल ले आएं, पीला फूल भी ले आएं, सबसे पहले सफेद कपड़ा बिछा लें. मां सरस्वती की मूर्ति रखें, स्नान कराकर धूप दीप नैवेद्य चढ़ाएं.
आम के बौर चढ़ाएं, सफेद फूल, लाल फूल, पीला फूल अर्पित करें. फिर इसके बाद मां सरस्वती की आरती गाएं, हो सके तो एक माला जाप भी करें. इससे बुद्धि तेज होगी. घर में सुख शांति समृद्धता बनी रहेगी. विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन भी लगेगा और मां सरस्वती जी के ऊपर पीला चंदन जरूर लगाएं. फिर उसके बाद अपने ऊपर भी पीला चंदन लगाएं. विद्यार्थी उस पीले चंदन को अपने मस्तक पर जरूर लगाएं. ये चंदन मस्तिष्क के साथ मिलकर विद्या का योग बनाएगा. याददाश्त बढ़ेगी, विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन लगेगा. इसके अलावा कोशिश करें कि उस दिन पीला वस्त्र पहनें.