हैदराबाद :एकादशी व्रत के बाद उसका पारण भी विधि-विधान से किया जाता है. पंचांग के अनुसार आज 17 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी या देवशयनी एकादशी का व्रत है. आषाढ़ महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को देवशयनी एकादशी या आषाढ़ी एकादशी के नाम से जाना जाता है. व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी में हरीवासर के दौरान किया जाता है. द्रिक पंचांग के अनुसार इस बार Devshayani ekadashi व्रत पारण का समय 18 जुलाई को सुबह 5:51 से सुबह 8:28 तक रहेगा. देवशयनी का तात्पर्य है देव+शयन अर्थात Ashadhi ekadashi से भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं.
एकादशी व्रत पारण की सावधानियां : Devshayani ekadashi व्रत का पूर्ण फल तब तक नहीं मिलता जब तक इसका पारण विधि विधान से ना किया जाए. एकादशी व्रत के दौरान केवल फल, सब्जी व दूध से बनी चीजों को ग्रहण किया जाता है और चावल, बैंगन, लहसुन, प्याज, मसूर आदि का सेवन वर्जित रहता है लेकिन ऐसी मान्यता है कि एकादशी के अगले दिन द्वादशी को चावल अवश्य खाना चाहिए, एकादशी व्रत का पारण चावल या चावल से बनी चीजों को खाकर करना शुभ होता है. इसलिए Ashadhi ekadashi के अगले दिन चावल की खीर बनाएं और उसका और भगवान विष्णु को उसका भोग लगाकर प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें ग्रहण कर व्रत का पारण करना चाहिए.
Devshayani ekadashi के दिन सेम की सब्जी खाना भी अति उत्तम माना जाता है. इसलिए आप भी सेम की सब्जी या उससे बनी कोई भी चीज खाकर व्रत का पारण कर सकते हैं. एकादशी व्रत के पारण में शुद्ध घी का ही इस्तेमाल करना चाहिए. व्रत के बाद तेल से बनी चीजों से परहेज करना चाहिए, यह स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक दायक हो सकता है. लेकिन मूंगफली अथवा नारियल के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. Ashadhi ekadashi के पारण के लिए बने भोजन में भी लहसुन, प्याज, मसूर, बैंगन आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए, लेकिन शाम के खाने में इन चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं