हैदराबाद: हिंदू धर्म में कुछ तिथियों का विशेष महत्व होता है उसमें से एक है मौनी अमावस्या की तिथि. यूं तो अमावस्या तिथि पितृ कार्यों के लिए समर्पित है किंतु इस दिन किए गए व्रत, दान आदि से मनुष्य के सारे कष्ट दूर होते हैं एवं पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो भी व्यक्ति मौन रहकर व्रत करते हैं, ईश्वर की उपासना और दान पुण्य करते हैं उन्हें विशेष शुभ फलों की प्राप्ति होती है. Mauni amavasya के दिन मौन रहकर व्रत करने से जातक को मुनी पद की प्राप्ति होती है
मौनी अमावस्या का महत्व : अमावस्या के दिन चंद्र देव के दर्शन नहीं होते हैं और ज्योतिष में चंद्र को मां का कारक माना जाता है इसलिए इस दिन कुछ गलत बोलने से बचने के लिए मौन रहने की परंपरा है. संभव हो तो Mauni amavasya के दिन मौन रहकर भगवान की पूजा-आराधना करें अथवा कम से कम बोलें व कटु वचनों का प्रयोग ना करें. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, उसके बाद दान आदि का बहुत ही महत्व है.
इस दिन चंद्रमा के दर्शन न होने की वजह से भगवान शंकर की आराधना, उनका जलाभिषेक विशेष शुभ फल देने वाला होता है एवं इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा-आराधना अवश्य ही करनी चाहिए. Mauni amavasya के दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. इसके साथ ही गाय, कुत्ते, कौवे चीटी आदि के लिए भोजन की व्यवस्था करें
- अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध करें और उनके नाम से अन्न, धन आदि का दान करें.
- मौनी अमावस्या के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं.
- साथ ही गाय, कौवे, कुत्ते के लिए भी भोजन की व्यवस्था करें.
- इस दिन पीपल के वृक्ष को जल चढ़ाएं एवं उसके नीचे एक दीपक प्रचलित करें.
- इस दिन शनि राहु केतु से संबंधित दान करने से इन ग्रहों के अशुभ फलों में कमी आती है.
- Mauni amavasya के दिन तेल कंबल आदि का दान करने से शनि राहु केतु की पीड़ा से मुक्ति मिलती है.