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महाकुंभ भगदड़ में अब तक यूपी के 14 श्रद्धालुओं की मौत; डेड बॉडी पर जूते-चप्पलों के निशान, बचकर लौटे लोगों से जानिए आखों देखा मंजर - MAHA KUMBH MELA 2025

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 14 श्रद्धालुओं के शव उनके गांव पहुंचे, आइए प्रत्यक्षदर्शियों से जानते हैं उस दिन क्या हुआ था?

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यूपी के 14 लोगों की मौत की अभी तक पुष्टि. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 31, 2025, 6:38 PM IST

Updated : Jan 31, 2025, 6:43 PM IST

प्रयागराजःमहाकुंभ में मौनी अमवस्या पर भीड़ इतनी उमड़ी कि तिल रखने की जगह नहीं थी.हर कोई अमृत स्नान करने के लिए आतुर था. खोने के डर से एक दूसरे का हाथ पकड़कर संगम नोज की तरफ बढ़ रहे थे. वहीं, ब्रह्ममुहूर्त में सबसे पहले स्नान करने के लिए रेती पर इतने ही लोग लेटे हुए थे. इसी बीच भीड़ का एक हिस्सा बेरिकेड तोड़कर संगम नोज की तरफ भागा. फिर चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. जो जमीन पर लेटे थे भीड़ उनको रौंदते आगे बढ़ती गई. जो लेटे थे वह उठ नहीं सके. अमृत स्नान कर मोक्ष की प्राप्ति करने वााली भीड़ जान बचाकर भागने लगी. भक्तिममय माहौल चीत्कार में बदल गई. हर तरफ औरतों-बच्चों और बुजुर्गों के रोने-चीखने की आवाज आने लगी. यह मंजर मंगलवार-बुधवार रात 1 से 2 बजे बीच का था.

अभी तक 14 शव पहुंच चुके गांवःभगदड़ और चीख-पुकार के बीच शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन जो पूरे दिन चलता रहा है. बुधवार देर शाम प्रशासन ने 30 लोगों की मौत और 60 लोगों के घायल होने का दावा किया. हालांकि इस आंकड़े पर सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि भगदड़ के बाद से सैकड़ो लोग गायब हैं और परिजन रोते-बिलखते ढूंढ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 14 श्रद्धालुओं के शव अभी तक उनके गांव पहुंच चुके हैं, जिनका अंतिम संस्कार कर दिया गया है. शवों के साथ पहुंचे परिजन और रिश्तेदार भगदड़ का मंजर बताते और याद करते हुए रो पड़ रहे हैं.

भगदड़ में इनकी हो चुकी है मौत. (Photo Credit; ETV Bharat)

बलिया के मां-बेटी समेत चार श्रद्धालुओं की मौतःबलिया के केनगरा थाना के चचयां गांव की रिंकी सिंह(38) और मीरा सिंह(52) की भगदड़ में मौत हो गई हैं. फेफना थाना क्षेत्र के नसीराबाद गांव की 12 वर्षीय रोशनी और उसकी मां रीना सिंह की भी भगदड़ के दौरान जान चली गई. प्रयागराज में पोस्टमार्टम के बाद चारों शव गुरुवार की सुबह पहुंचा और दोपहर तक अंतिम संस्कार कर दिया गया. साथ गए लोगों का कहना है कि यह महाकुंभ जिंदगी भर नहीं भूलेगा. अपने सामने ही लोगों को मरते हुए देखा था.

जौनपुर में मृतक के घर पर पसरा सन्नाटा. (Photo Credit; ETV Bharat)

जौनपुर के 2 लोगों की गई जानःजौनपुर के मड़ियाहू तहसील के इटाएं बाजार के बगल पूरवा गांव की दो महिलाओं की मौत हो गई है. रामपति देवी और रीता देवी के शवों का पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार की सुबह आया और दोपहर बाद अंतिम संस्कार किया. दोनों महिलाओं की मौत पर परिजन गमगीन है.

मंजू देवी के शव पर सैकड़ों जूते-चप्पलों के निशानःभगदड़ में लखनऊ की 58 साल की मंजू पांडे की भी मौत हो गई है. इंदिरानगर सेक्टर आठ के रहने वाले एचएएल से रिटायर्ड इंजीनियर त्रिभुवन नारायण पाण्डेय मौनी अमावस्या के स्नान पर्व पर अपनी पत्नी मंजू पांडे के साथ प्रयागराज महाकुंभ गए थे. 28-29 जनवरी की रात संगम नोज के पास मची भगदड़ की चपेट में दोनो पति पत्नी आ गए. इस हादसे में मंजू पांडे की मौत हो गई. मंजू पाण्डेय के बेटे अभिषेक बताते है कि, माता पिता 27 जनवरी को यह कह कर निकले थे कि इस बार महाकुम्भ में संगम स्नान कर ले क्योंकि यह आखिरी कुम्भ होगा. त्रिभुवन बताते है कि जब अचानक भगदड़ मची तो हम दोनों उसी जगह मौजूद थे. अचानक भीड़ हम लोगों के ऊपर से गुजरने लगी. मंजू ने मेरा हाथ पकड़ लिया. लेकिन भीड़ के दबाव में हाथ छूट गया. इसी बीच किसी पुलिसकर्मी ने उनका हाथ खींच कर भीड़ से निकाल लिया और उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया. रिश्तेदार की मदद से हॉस्पिटल में मंजू की तलाश करवाई लेकिन उसकी लाश मिली. मंजू के शरीर पर सैकड़ो जूतों और चप्पलों के निशान बने हुए थे. उनके दांत भी टूट गए थे.

गोंडा में मृतक के घर शोक जताने पहुंचे लोग. (Photo Credit; ETV Bharat)

आजमगढ़ की दो महिला और एक बुजुर्ग की गांव पहुंची लाशःआज़मगढ़ के तीन लोगों की भी जान भगदड़ में चली गई है.कप्तानगंज थाना क्षेत्र के गोपालगंज खालिसपुर गांव के रहने वाले दयाशंकर सिंह (67) की भी मौत हो गई थी. शुक्रवार को पुलिस ने बुजुर्ग के शव को परिजनों को सौंप दिया है. शव लाए जाने के बाद गांव में मातम छा गया. सरायमीर थाना क्षेत्र के रसूलपुर बरवा गांव निवासी कमलावती चौहान (53) पत्नी बृजलाल चौहान 28 जनवरी को अपनी बेटी आकांक्षा व उसकी छह माह की बेटी अछिता और बहू सुषमा सहित कुल 10 लोग महाकुंभ में गई थीं. इसी दौरान अमृत स्नान के समय भीड़ अनियंत्रित हो गई. इस हादसे में कमलावती चौहान का हाथ उनकी बेटी और बहू से छूट गया. हादसे में किसी तरह आकांक्षा ने अपने छह माह की बेटी को तो बचा लिया लेकिन मां को नहीं बचा सकी. इस हादसे में कमलावती चौहान की मौत हो गई

लाशों से पटा था अस्पताल, मुश्किल से दादी का शव ढूंढाः वहीं, अतरौलिया थाना क्षेत्र के गनपतपुर मिश्रौलिया निवासी रविकला पत्नी महेंद्र मिश्र (58) की भी मौत हो गई. दर्जनों लोगों के साथ मौनी अमावस्या के दिन संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंची थी, लेकिन 28 जनवरी की रात हुई भगदड़ में अपनों से बिछड़ गई. प्रयागराज में रहकर तैयारी कर रहे रिश्तेदार रवि प्रकाश पांडे ने बताया कि वह पूरी रात अपनी दादी को इधर-उधर खोजता रहा, थक हार कर जब वह स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल पहुंचा तो वहां घायलों की लंबी कतार थी. पुलिसकर्मियों ने बताया कि अस्पताल में कुछ डेड बॉडी रखी गई है. जब वहां देखा तो केवल 12 लोगों के नाम लिस्ट में चस्पा किए गए थे. अंदर जाकर जो देखा वह काफी भयावह था. 100 से 150 लोगों की लाशें लावारिस हाल में पड़ी थी, उनमें से किसी तरह दादी रवि कला की पहचान किया. बृहस्पतिवार की देर रात एंबुलेंस के माध्यम से शव को गांव लाया गया. वहीं, गांव के विश्वनाथ मिश्र ,विजय, मंजू, रानी आदि लोग भी किसी तरह अपने गांव पहुंचे, इस वीभत्स मंजर का आंखों देखा बयान सुन लोग सिहर जा रहे हैं.

गोंडा के ननकन की भीड़ में दबकर मौतःगोंडा के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के रुपईडीह गांव के रहने वाले ननकन अपने परिवार के 12 लोगों और गांव के साथ मौनी अमवस्या पर स्नान करने गए थे. तभी मेले में अचानक भगदड़ मच गई. भगदड़ में अपने गांव के साथियों का साथ छूट गया. कुछ घंटों में प्रयागराज प्रशासन ने हालात को काबू में कर लिया तो साथियों ने ननकन को ढूंढना शुरू किया. कुछ ही देर में पता चला कि ननकन घायल अवस्था में हॉस्पिटल पहुंचे हैं, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस से शव को गोंडा भेजा, जहां अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

गोरखपुर में दो लोगों की भी महाकुंभ में मौतःप्रयागराज में महाकुंभ के दौरान संगम तट पर हुई भगदड़ में उनवल नगर पंचायत, खजनी तहसील के निवासी पन्नालाल साहनी और नगीना देवी की मौत हो गई थी. इनके शव उनके घर पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया. विधायक और नायब तहसीलदार ने ढांढस बंधाया. घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक प्रदीप शुक्ल और नायब तहसीलदार खजनी राम सूरज प्रसाद मृतकों के घर पहुंचे और शोक संतप्त परिवारजनों को ढांढस बंधाया.

मिर्जापुर की भी महिला की मौतःभगदड़ में मिर्जापुर की मूलरूप से रहने वाली प्रयागराज के धूमनगंज में रहने वाली महिला की मौत हो गई. चुनार थाना क्षेत्र के नुनाव गांव की रहने वाली महिला रीना यादव पिछले 15 वर्षों से अपने पति के साथ प्रयागराज जिले के धूमनगंज थाना क्षेत्र के चकमेरा पट्टी में रहती थी. हादसे की रात महिला रीना यादव अकेले घर से संगम स्नान के लिए निकली थी. भगदड़ में दब जाने से मौत हो गई. पुलिस ने मोबाइल के जरिए परिजनों को फोन किया.

क्यों मौनी अमवस्या पर उमड़ी भीड़ः मौनी अमावस्या के दिन गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं. मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाकुंभ के अमृत स्नान के समय जो भी श्रद्धालु गंगा में स्नान करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि आती है. इसलिए महाकुंभ में अमृत स्नान का विशेष महत्व है. 29 जनवरी 2025 को अमृत स्नान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से लेकर 6 बजकर 18 मिनट तक था.

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Last Updated : Jan 31, 2025, 6:43 PM IST

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