नई दिल्ली: पिछले हफ्ते पोलैंड और यूक्रेन की अपनी ऐतिहासिक यात्राओं के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन दोनों के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कीव में अपनी बातचीत से प्राप्त अंतर्दृष्टि साझा की.
पीएम मोदी और पुतिन के बीच बातचीत के बाद मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि दोनों नेताओं ने चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया. बयान में कहा गया है, "प्रधानमंत्री ने यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा से प्राप्त जानकारियों को साझा किया. उन्होंने संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों के बीच संवाद और कूटनीति के साथ-साथ ईमानदार और व्यावहारिक जुड़ाव के महत्व को रेखांकित किया."
पीएम मोदी ने पुतिन को दी जानकारी
क्रेमलिन द्वारा जारी एक बयान के अनुसार पीएम मोदी ने पुतिन को कीव की अपनी हालिया यात्रा के बारे में जानकारी दी और राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से यूक्रेन के लिए समझौता करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
बयान में कहा गया है, "व्लादिमीर पुतिन ने कीव अधिकारियों और उनके पश्चिमी संरक्षकों की विनाशकारी नीतियों के बारे में अपना बुनियादी आकलन शेयर किया और इस संघर्ष को हल करने के लिए रूस के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला."
पीएम मोदी ने जो बाइडेन से की बात
सोमवार को पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात की, जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक अलग बयान में कहा गया है, "यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति बाइडेन को यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बातचीत और कूटनीति के पक्ष में भारत की लगातार स्थिति को दोहराया और शांति और स्थिरता की जल्द वापसी के लिए पूर्ण समर्थन व्यक्त किया."
बातचीत के बाद व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार बाइडेन ने पीएम मोदी की पोलैंड और यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्राओं के लिए सराहना की, जो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी. बयान में आगे कहा गया है, “नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आधार पर अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपने निरंतर समर्थन की पुष्टि की. नेताओं ने इंडो-पैसिफिक में शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए क्वाड जैसे क्षेत्रीय समूहों के माध्यम से मिलकर काम करने की अपनी निरंतर प्रतिबद्धता पर भी जोर दियाय”
भारतीय राजदूत से मिले रूस के उप विदेश मंत्री
इसके अलावा सोमवार को रूस के उप विदेश मंत्री मिखाइल गैलुजिन ने मॉस्को में रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार से मुलाकात की और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष में अपने देश की स्थिति के बारे में बताया. बैठक के बाद नई दिल्ली में रूसी दूतावास द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, “यूक्रेन में संघर्ष पर रूस की स्थिति को भारतीय राजनयिक मिशन के प्रमुख को फिर से समझाया गया. बातचीत एक भरोसेमंद और रचनात्मक माहौल में हुई.”
क्या शांति निर्माता की भूमिका निभा सकता है भारत
इन सब बातों को देखते हुए, यह सवाल उठता है कि क्या भारत रूस और यूक्रेन के बीच शांति निर्माता की भूमिका निभा सकता है और दो साल से चल रहे संघर्ष का कूटनीतिक समाधान ला सकता है. भारत हमेशा से कहता रहा है कि संघर्ष को केवल बातचीत और कूटनीति के जरिए ही सुलझाया जा सकता है.
जेलेंस्की से मिले पीएम मोदी
पिछले हफ़्ते मोदी से मुलाकात के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि उन्होंने जेलेंस्की को बताया कि वे चाहते हैं कि भारत यूक्रेन पर दूसरा शांति शिखर सम्मेलन आयोजित करे. यूक्रेन वैश्विक दक्षिण में ऐसे देश की तलाश कर रहा है जो इस तरह के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर सके.