देश के लोकप्रिय उद्योगपति रतन टाटा का निधन हुए लगभग एक महीना हो गया है. रतन टाटा जीवन भर सादगी के मिसाल रहे, उन्होंने निधन के बाद भी अपनी उदारता साबित की. रतन टाटा के मरणोपरांत उनकी एक वसीयत सामने आ गई है, जिसमें उन्होंने अपने पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते 'टीटो' के लिए भी एक हिस्सा छोड़ा है. जिस तरह लोगों को इस बात में दिलचस्पी थी कि उनकी मौत के बाद टाटा साम्राज्य का मुखिया कौन होगा, उसी तरह कई लोगों के मन में यह भी सवाल था कि रतन टाटा की इतनी बड़ी संपत्ति का मालिक कौन होगा, क्योंकि उनका कोई संतान नहीं है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रतन टाटा की निजी संपत्ति 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है. रतन टाटा की मृत्यु के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष बन गए हैं. लेकिन रतन टाटा की जो वसीयत सामने आई है उसमें सौतेले भाई नोएल टाटा का जिक्र तक नहीं किया गया है. रतन टाटा की जो वसीयत सामने आई उसमें उन्होंने किसके लिए क्या छोड़ा है यह सब बताया है. रतन टाटा की वसीयत में उनके प्रिय शेफ बटलर सहित कई लोगों के नाम हैं. शांतनु नायडू का भी नाम है, जो आखिरी दिनों तक उनके सहायक थे. लेकिन नोएल टाटा का नाम नहीं जिसके बाद रतन टाटा और उनके भाई नोएल टाटा के रिश्तों पर सवाल उठ रहे हैं...
कौन है नोएल टाटा, रतन टाटा के साथ क्या है रिश्ता?
नोएल टाटा टाटा परिवार के सदस्य हैं और नवल टाटा और साइमन टाटा के बेटे हैं. वह टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा और जिमी टाटा के सौतेले भाई हैं. नोएल टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा इंटरनेशनल से की, जो विदेशों में पेश किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं के लिए टाटा समूह का ब्रांच है. जून 1999 में, वह अपनी मां द्वारा स्थापित टाट समूह की खुदरा शाखा, ट्रेंट के प्रबंध निदेशक बने. तब तक, ट्रेंट ने डिपार्टमेंट स्टोर लिटिलवुड्स इंटरनेशनल खरीद लिया था और इसका नाम बदलकर वेस्टसाइड कर दिया था. टाटा ने वेस्टसाइड का विकास किया और इसे एक लाभदायक उद्यम में बदल दिया. 2003 में, उन्हें टाइटन इंडस्ट्रीज और वोल्टास के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था.