नई दिल्ली:ईरान ने 1 अप्रैल को सीरिया में अपने मिशन पर हुए हमले का बदला लेने के लिए पिछले हफ्ते इजराइल को निशाना बनाकर 300 से अधिक ड्रोन, क्रूज मिसाइलें और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. इसके बाद दुनिया सकते में आ गई.
दुनिया के एक हिस्से में रूस-यूक्रेन और गाजा में इजराइल-हमास युद्ध चल रहा है, ऐसे में इजराइल द्वारा ईरान को निशाना बनाकर संभावित जवाबी कार्रवाई के विनाशकारी परिणाम हो सकते थे. हालांकि,खबर लिखे जाने तक इजराइल ने ऐसा नहीं किया है. और पूरी सम्भावना है कि निकट भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा.
1 अप्रैल को एक इजराइली हवाई हमले ने सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास से सटे ईरानी वाणिज्य दूतावास की इमारत को नष्ट कर दिया थी. इस हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के वरिष्ठ कुद्स फोर्स कमांडर ब्रिगेडियर, जनरल मोहम्मद रजा जाहेदी और सात अन्य आईआरजीसी अधिकारी सहित 16 लोग मारे गए.
जनवरी 2020 में बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी ड्रोन हमले में कुद्स फोर्स के तत्कालीन प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद जाहेदी सबसे वरिष्ठ ईरानी अधिकारी थे, जो आईआरजीसी डिवीजन मुख्य रूप से बाहरी और गुप्त सैन्य अभियानों के लिए जिम्मेदार थे.
इजराइल ने दावा किया कि सीरिया में जिस इमारत पर हमला किया गया वह न तो ईरानी वाणिज्य दूतावास था और न ही दूतावास, बल्कि कुद्स फोर्स की एक सैन्य इमारत थी जो 'दमिश्क में एक नागरिक संरचना के रूप में थी.' इजराइल ने अमेरिका से कहा कि ईरान के जवाबी हमले पर इजराइल की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया होगी. हालांकि 13 अप्रैल को ईरानी सेना ने हवाई हमला किया, जिसमें इजराइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं. इसमें कम से कम 170 हवाई ड्रोन, 30 क्रूज मिसाइलें और 120 बैलिस्टिक मिसाइलें शामिल थीं.
ईरान ने दावा किया कि यह हमला इतिहास का सबसे बड़ा एकल ड्रोन हमला था. वहीं, इजराइल ने दावा किया कि सहयोगियों के समर्थन से उसकी हवाई सुरक्षा ने आने वाले लगभग सभी हथियारों को उनके लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही नष्ट कर दिया.
ईरान की चेतावनी और अमेरिका की शर्तें : इजराइल पर अपना हवाई हमला शुरू करने से पहले ईरान ने तुर्की को अपनी कार्ययोजना के बारे में सूचित किया. क्लैश रिपोर्ट के 'एक्स' हैंडल पर एक पोस्ट में एक तुर्की सूत्र के हवाले से कहा गया था, 'ईरान ने अमेरिका को पहले ही बता दिया था कि क्या होगा.' अमेरिका ने हमारे माध्यम से ईरान को संदेश दिया कि यह प्रतिक्रिया निश्चित सीमा के भीतर होनी चाहिए. इसके जवाब में ईरान ने कहा कि यह प्रतिक्रिया दमिश्क में उसके दूतावास पर इजराइल के हमले का जवाब होगा और वह इससे आगे नहीं जाएगा.
क्लैश रिपोर्ट पोस्ट के मुताबिक, यूएस सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) के निदेशक विलियम बर्न्स ने तुर्की नेशनल इंटेलिजेंस ऑर्गनाइजेशन (एमआईटी) के प्रमुख इब्राहिम कालिन को ईरान और इजराइल के बीच मध्यस्थता करने के लिए कहा.