वाशिंगटन : सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य पूर्व में बढ़े तनाव के जवाब में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने इराक और सीरिया दोनों में मिलिशिया ठीकानों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले शुरू किए हैं. यह ईरान समर्थित मिलिशिया के खिलाफ अधिक महत्वपूर्ण हमलों की एक श्रृंखला की शुरुआत मानी जा रही है. दो अमेरिकी अधिकारियों ने इन जवाबी कदमों के शुरू होने की पुष्टि की है.
हवाई हमले रविवार को जॉर्डन में अमेरिकी सैन्य चौकी पर ईरान समर्थित आतंकवादियों की ओर से किए गए ड्रोन हमले के बाद हुए. इन ड्रोन हमलों में तीन अमेरिकी सेवा सदस्यों की मौत हो गई थी. इसमें 40 से अधिक अन्य घायल हो गए थे. राष्ट्रपति जो बाइडेन के शहीद सैनिकों के सम्मान में एक समारोह में भाग लेने और उनके शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात के तुरंत बाद यह जवाबी कार्रवाई की गई.
अधिकारियों ने कहा कि ये हमले हाल के हफ्तों में ईरानी समर्थित मिलिशिया के खिलाफ पिछली कार्रवाइयों से अधिक घातक हैं. इन हमलों के केंद्र में हथियार भंडारण या प्रशिक्षण से संबंधित स्थान थे. जानकारों का मानना है कि गाजा में चल रहे इजराइल-हमास युद्ध के बीच अमेरिका ईरान के साथ पूर्ण पैमाने पर संघर्ष से बचना चाहता है. इसके साथ ही ईरान समर्थित मिलिशिया के आगे के हमलों को रोकने की कोशिश कर रहा है. ऐसे में बाइडेन प्रशासन का लक्ष्य एक नाजुक संतुलन बनाये रखना है.