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गुजराती परिवार में जन्म, पूर्वी अफ्रीका में परवरिश, जानें कौन हैं कश्यप पटेल, ट्रंप ने नियुक्त किया FBI प्रमुख

कश्यप 'काश' पटेल का जन्म 1980 में न्यूयॉर्क में गुजराती माता-पिता के घर हुआ था. वह पूर्वी अफ्रीका में पले-बढ़े थे.

कश्यप पटेल
कश्यप पटेल (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कश्यप 'काश' पटेल को संघीय जांच ब्यूरो (FBI) का प्रमुख नियुक्त किया है. इस बात की घोषणा करते हुए 78 साल के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने पटेल को 'अमेरिका फर्स्ट फाइटर' कहा.

कश्यप 'काश' पटेल का जन्म 1980 में न्यूयॉर्क में गुजराती माता-पिता के घर हुआ था. वह पूर्वी अफ्रीका में पले-बढ़े थे. उन्होंने लॉन्ग आइलैंड के गार्डन सिटी हाई स्कूल से ग्रेजुएशन किया. रक्षा विभाग में उनके विवरण के अनुसार पटेल ने कानून की डिग्री प्राप्त करने और यूनाइटेड किंगडम के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन विधि संकाय से अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए न्यूयॉर्क लौटने से पहले रिचमंड विश्वविद्यालय में पढ़ाई की.

पब्लिक डिफेंडर के रूप में शुरू किया करियर
हिंदू परिवार में पले-बढ़े पटेल ने कहा कि उनका भारत से हमेशा बहुत गहरा जुड़ाव रहा है. पटेल ने अपना करियर एक पब्लिक डिफेंडर के रूप में शुरू किया, जिसमें उन्होंने स्टेट और फेडरल कोर्ट में जूरी ट्रायल में हत्या से लेकर नार्को-तस्करी, जटिल वित्तीय अपराधों तक के कई जटिल मामलों की सुनवाई की. उन्होंने कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी कार्य किया

राष्ट्रपति के उप सहायक रहे
उन्होंने राष्ट्रपति के उप सहायक और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) में काउंटर टेरेरिज्म के वरिष्ठ निदेशक के रूप में काम किया. इस दौरान उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कई शीर्ष प्राथमिकताओं के क्रियान्वयन की देखरेख की, जिसमें ISIS और अल-कायदा नेतृत्व का सफाया और कई अमेरिकी बंधकों की सुरक्षित वापसी शामिल थी.

व्हाइट हाउस में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान काश पटेल एक विवादास्पद व्यक्ति के रूप में उभरे. उन्होंने पूर्व हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष डेविन नून्स के सहयोगी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ट्रंप के 2016 के अभियान और रूस के बीच संपर्कों की एफबीआई की 2016 की जांच में हाउस रिपब्लिकन की जांच का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप के पहले महाभियोग ट्रायल के दौरान, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद अधिकारी फियोना हिल ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उन्हें चिंता थी कि पटेल बिना अनुमति के ट्रंप और यूक्रेन के बीच गुप्त रूप से बैक चैनल के रूप में काम कर रहे थे. हालांकि, पटेल ने आरोपों से इनकार किया था.

HPSCI के वकील के रूप में किया काम
जनवरी 2021 में ट्रंप के पद छोड़ने के बाद वह उन कई लोगों में से एक थे, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति ने अपने राष्ट्रपति रिकॉर्ड तक पहुंच के लिए प्रतिनिधि के रूप में नामित किया था.पटेल ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और इंटेलिजेंस पर हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी (HPSCI) के वरिष्ठ वकील के रूप में भी काम किया.

यह भी पढ़ें- अमेरिका: ट्रंप ने काश पटेल को अगला FBI निदेशक पद के लिए नामित किया

वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कश्यप 'काश' पटेल को संघीय जांच ब्यूरो (FBI) का प्रमुख नियुक्त किया है. इस बात की घोषणा करते हुए 78 साल के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने पटेल को 'अमेरिका फर्स्ट फाइटर' कहा.

कश्यप 'काश' पटेल का जन्म 1980 में न्यूयॉर्क में गुजराती माता-पिता के घर हुआ था. वह पूर्वी अफ्रीका में पले-बढ़े थे. उन्होंने लॉन्ग आइलैंड के गार्डन सिटी हाई स्कूल से ग्रेजुएशन किया. रक्षा विभाग में उनके विवरण के अनुसार पटेल ने कानून की डिग्री प्राप्त करने और यूनाइटेड किंगडम के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन विधि संकाय से अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए न्यूयॉर्क लौटने से पहले रिचमंड विश्वविद्यालय में पढ़ाई की.

पब्लिक डिफेंडर के रूप में शुरू किया करियर
हिंदू परिवार में पले-बढ़े पटेल ने कहा कि उनका भारत से हमेशा बहुत गहरा जुड़ाव रहा है. पटेल ने अपना करियर एक पब्लिक डिफेंडर के रूप में शुरू किया, जिसमें उन्होंने स्टेट और फेडरल कोर्ट में जूरी ट्रायल में हत्या से लेकर नार्को-तस्करी, जटिल वित्तीय अपराधों तक के कई जटिल मामलों की सुनवाई की. उन्होंने कार्यवाहक रक्षा सचिव क्रिस्टोफर मिलर के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी कार्य किया

राष्ट्रपति के उप सहायक रहे
उन्होंने राष्ट्रपति के उप सहायक और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (NSC) में काउंटर टेरेरिज्म के वरिष्ठ निदेशक के रूप में काम किया. इस दौरान उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कई शीर्ष प्राथमिकताओं के क्रियान्वयन की देखरेख की, जिसमें ISIS और अल-कायदा नेतृत्व का सफाया और कई अमेरिकी बंधकों की सुरक्षित वापसी शामिल थी.

व्हाइट हाउस में ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान काश पटेल एक विवादास्पद व्यक्ति के रूप में उभरे. उन्होंने पूर्व हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष डेविन नून्स के सहयोगी के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ट्रंप के 2016 के अभियान और रूस के बीच संपर्कों की एफबीआई की 2016 की जांच में हाउस रिपब्लिकन की जांच का नेतृत्व करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप के पहले महाभियोग ट्रायल के दौरान, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद अधिकारी फियोना हिल ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उन्हें चिंता थी कि पटेल बिना अनुमति के ट्रंप और यूक्रेन के बीच गुप्त रूप से बैक चैनल के रूप में काम कर रहे थे. हालांकि, पटेल ने आरोपों से इनकार किया था.

HPSCI के वकील के रूप में किया काम
जनवरी 2021 में ट्रंप के पद छोड़ने के बाद वह उन कई लोगों में से एक थे, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति ने अपने राष्ट्रपति रिकॉर्ड तक पहुंच के लिए प्रतिनिधि के रूप में नामित किया था.पटेल ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और इंटेलिजेंस पर हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी (HPSCI) के वरिष्ठ वकील के रूप में भी काम किया.

यह भी पढ़ें- अमेरिका: ट्रंप ने काश पटेल को अगला FBI निदेशक पद के लिए नामित किया

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