लंदन : ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के पीएम ऋषि सुनक ने एक बच्चे के रूप में नस्लवाद का सामना करने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें सीखने के लिए भेजा था ताकि वह समाज में फिट होने के लिए बिना किसी लहजे के "ठीक से बोल सकें". आईटीवी न्यूज की अनुष्का अस्थाना के साथ एक इंटरव्यू में, सुनक ने अपने छोटे भाई-बहनों के लिए अपशब्द सुनने के दर्द को बयां किया, उन्होंने कहा कि नस्लवाद एक तरह से चुभता है और दुख पहुंचाता है.
उन्होंने अस्थाना से कहा, ''आप अलग होने के प्रति सचेत हैं... ऐसा न होना मुश्किल है, और जाहिर है, मैंने एक बच्चे के रूप में नस्लवाद का अनुभव किया है.'' प्रधानमंत्री ने पिछले साल जुलाई में नस्लवाद के "दंश" के बारे में भी बात की थी जब वह लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड में इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया एशेज टेस्ट मैच में गए थे.
साउथेम्प्टन में एक हिंदू पंजाबी परिवार में जन्मे 43 वर्षीय नेता सुनक ने कहा कि उनके माता-पिता, खासतौर से उनकी मां, उनके और उनके भाई-बहनों के बीच घुलना-मिलना चाहती थी. वह नहीं चाहते थे कि यह किसी भी तरह, आकार या रूप में बाधा बने.
उन्होंने कहा, "मेरी मां जिन चीजों को लेकर बहुत ज्यादा जुनूनी थी उनमें से एक यह थी कि हम सही उच्चारण के साथ बात नहीं करते थे. वह चाहती थी कि हम कुछ अतिरिक्त ड्रामा करने की कोशिश करें." नस्लवाद के किसी भी रूप को "बिल्कुल अस्वीकार्य" बताते हुए उन्होंने नस्लीय सद्भाव और समानता के मॉडल के रूप में वैश्विक नेताओं के बीच ब्रिटेन की प्रतिष्ठा का भी उल्लेख किया.