प्राग: स्लोवाकिया के प्रधान मंत्री, रॉबर्ट फिको पर बुधवार को जानलेवा हमला हुआ. एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद उन्हें सरे आम गोली मार दी गई. इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गये. इस घटना ने इस छोटे से यूरोपीय देश को झकझोर कर रख दिया. पूरे यूरोप में इसकी प्रतिक्रिया देखी जा रही है. रक्षा मंत्री रॉबर्ट कलिना ने अस्पताल के बाहर संवाददाताओं से बात की. उन्होंने कहा कि 59 वर्षीय नेता के पेट में गोली लगी है. हमले के कई घंटे बाद तक डॉक्टर उन्हें बचाने के लिए संघर्ष करते रहे.
उन्होंने मीडिया को बताया कि फीको का की सर्जरी अभी पूरी नहीं हुई है. उन्होंने उनकी हालत को असाधारण रूप से गंभीर बताया. स्लोवाकिया की सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि राजधानी से लगभग 140 किलोमीटर (85 मील) उत्तर-पूर्व में हैंडलोवा शहर में एक सांस्कृतिक केंद्र के बाहर कम से कम चार गोलियां चलाई गईं.
आंतरिक मंत्री माटस सुताज एस्टोक ने रक्षा मंत्री के साथ संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि एक संदिग्ध हिरासत में है. प्रारंभिक जांच में हत्या के प्रयास के पीछे स्पष्ट राजनीतिक प्रेरणा पाई गई है. फिको पिछले साल रूस समर्थक राजनीति के दम पर सत्ता में वापस आये हैं. उनकी वापसी ने यूरोपीय संघ के सदस्यों के बीच और भी अधिक चिंता पैदा कर दी कि वह अपने देश को पश्चिमी मुख्यधारा से अलग ले जायेंगे.
उनकी सरकार ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति रोक दी है. आलोचकों को चिंता है कि वह स्लोवाकिया को हंगरी के नक्शे कदम पर चलाते हुए पश्चिम का विरोध करने में काफी आगे जा सकते हैं. फिको की नीतियों का विरोध करने के लिए हजारों लोगों ने बार-बार राजधानी और स्लोवाकिया में रैली निकाली है.
फीको के फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक संदेश में कहा गया है कि उन्हें हैंडलोवा से 29 किलोमीटर (17 मील) दूर बैंस्क बायस्ट्रिका के एक अस्पताल में ले जाया गया. क्योंकि राजधानी ब्रातिस्लावा पहुंचने में बहुत अधिक समय लगता. यह हमला ऐसे समय हुआ है जब यूरोपीय संसद के लिए सांसदों को चुनने के लिए पूरे यूरोप में होने वाले चुनावों से तीन हफ्ते पहले राजनीतिक प्रचार अभियान तेज हो गया है. अनुमान के मुताबिक फीको 27-सदस्यीय ब्लॉक में बढ़त बनाने की स्थिति में हैं.
निवर्तमान राष्ट्रपति ज़ुजाना कैपुतोवा, जो फिको की राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं, ने एक टेलीविजन बयान में कहा कि प्रधानमंत्री पर हमला, सबसे पहले, एक व्यक्ति पर हमला है, यह लोकतंत्र पर भी हमला है. उन्होंने कहा कि कोई भी हिंसा अस्वीकार्य है. हम समाज में जो घृणित बयानबाजी देख रहे हैं, वह घृणित कार्यों की ओर ले जाती है. आइए हम मिलकर इसे रोकें.