तेल अवीव: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ फोन पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने ईरान और उसके सशस्त्र समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने के अपने 'संकल्प' को दोहराया.
नेतन्याहू ने वीडियो संदेश में कहा कि शनिवार (स्थानीय समय) को उनकी ट्रंप के साथ महत्वपूर्ण बातचीत हुई. इस दौरान इजरायल की जीत और गाजा में शेष बंधकों को वापस लाने की आवश्यकता पर भी बात की.
हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर एक बड़ा आतंकी हमला किया जिसमें 1200 से अधिक लोग मारे गए और 250 से अधिक लोग बंधक बनाए . माना जाता है कि उनमें से करीब 100 लोग अभी भी गाजा में बंधक हैं. इजराइल ने गाजा में हमास को निशाना बनाकर लगातार जवाबी हमले किए जिसमें 45,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए.
नेतन्याहू कामिडल ईस्ट को बदल देंगे वाला बयान
नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, 'मैंने कल रात अपने मित्र अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ इन सब पर फिर से चर्चा की. यह एक मैत्रीपूर्ण, गर्मजोशी और बहुत महत्वपूर्ण बातचीत थी. इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की. नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल 'हमारे बंधकों को घर वापस लाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है, चाहे वे जीवित हों या मृत.
इजरायली प्रधानमंत्री ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जोरदार तरीके से कहा कि वे मिडल ईस्टको 'बदल' देंगे. नेतन्याहू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मैंने कहा था कि हम मध्य पूर्व को बदल देंगे और यही हो रहा है. सीरिया वही सीरिया नहीं रहा. लेबनान वही लेबनान नहीं रहा. गाजा वही गाजा नहीं रहा. ईरान वही ईरान नहीं रहा.'
हिजबुल्लाह को हथियारबंद होने से रोकने के लिए नेतन्याहू आमादा
नेतन्याहू ने कहा कि वह हिजबुल्लाह को फिर से हथियारबंद होने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, 'यह इजरायल के लिए एक सतत परीक्षा है. हमें इसका सामना करना होगा. हम इसका सामना करेंगे. मैं हिजबुल्लाह और ईरान से साफ शब्दों में कहता हूं आपको हमें नुकसान पहुंचाने से रोकने के लिए, हम हर क्षेत्र में और हर समय आपके खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेंगे.
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार 8 दिसंबर को हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व में विद्रोहियों द्वारा दो दशक से अधिक पुराने बशर अल-असद शासन को उखाड़ फेंकने के बाद से इजरायल ने सीरिया में सैकड़ों हवाई हमले किए हैं. गोलान हाइट्स से आगे बढ़कर भूमि पर आक्रमण किया है. इजरायली सेना ने तेजी से खाली छोड़े गए सैन्य ठिकानों पर नियंत्रण कर लिया. हवाई हमलों ने सीरिया की अधिकांश सैन्य क्षमताओं को नष्ट कर दिया.
नेतन्याहू ने दोहराया कि सीरियाई सैन्य ठिकानों पर हाल ही में किए गए हवाई हमले यह सुनिश्चित करने के लिए किए गए थे कि भविष्य में इन हथियारों का इस्तेमाल इजरायल के खिलाफ न किया जाए. रिपोर्ट के अनुसार इजरायल ने हिजबुल्लाह को हथियार आपूर्ति करने वाले मार्गों पर भी हमला किया.