वियनतियान (लाओस) : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को यहां अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तथा पिछले समझौतों का पूर्ण सम्मान सुनिश्चित किए जाने पर जोर दिया.
जुलाई महीने में ही दूसरी बार मिले दोनों नेताओं ने सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए जाने पर भी सहमति जताई. जयशंकर ने यहां आसियान विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान वांग से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'सीपीसी (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना) पोलित ब्यूरो सदस्य और (चीन के) विदेश मंत्री वांग यी से आज वियनतियान में मुलाकात की. हमारे द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा जारी रही. सीमा की स्थिति निश्चित रूप से हमारे संबंधों की स्थिति पर प्रतिबिंबित होगी.'
बता दें कि दोनों के बीच वार्ता पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद जारी रहने के बीच हुई जो मई में अपने पांचवें वर्ष में प्रवेश कर गया.विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वापसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मजबूत मार्गदर्शन दिए जाने की जरूरत पर सहमति बनी. इसके अलावा एलएसी और पिछले समझौतों का पूरा सम्मान किया जाना चाहिए. हमारे संबंधों को स्थिर करना हमारे आपसी हित में है. साथ ही हमें वर्तमान मुद्दों पर उद्देश्य और तत्परता की भावना का रुख रखना चाहिए. गौरतलब है कि दोनों नेताओं ने इस महीने की शुरुआत में कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी.
वहीं भारत का कहना है कि जब तक सीमा क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते. मई 2020 से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध बरकरार है तथा सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अभी तक नहीं हो पाया है, हालांकि दोनों देश टकराव वाले कई बिंदुओं से पीछे हट गए हैं. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई थी.
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