वॉशिंगटन: अमेरिका एजेंसियों ने दावा किया है कि ईरानी हैकरों ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन से जुड़े ईमेल चुरा कर राष्ट्रपति जो बाइडेन के तत्कालीन चुनाव अभियान में शामिल लोगों को भेजे हैं. एजेंसियों ने कहा कि यह अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए तेहरान द्वारा कथित प्रयास है.
फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन साइबरसिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी और ऑफिस ऑफ द डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस ने बुधवार को एक संयुक्त बयान में कहा, "ईरान के मैलेशियस साइबर एक्टर्स ने जून से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के अभियान से जुड़ी चोरी किए गए, नॉन पब्लिक मैटेरियल को अमेरिकी मीडिया संगठनों को भेजने के प्रयास कर रही है.
एजेंसियों ने कहा, "यह दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधि ईरान के बहुआयामी दृष्टिकोण का ताजा उदाहरण है." उन्होंने चोरी किए गए मैटेरियल की प्रकृति के बारे में और विवरण नहीं दिया. इतना ही नहीं अगस्त में संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान पर दोनों अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के अभियानों के खिलाफ साइबर ऑपरेशन शुरू करने और राजनीतिक कलह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अमेरिका में लोगों को प्रभावित करने वाले अभियानों को लक्षित करने का आरोप लगाया था.
ईरान का अमेरिकी मामलों में हस्तक्षेप करने से इनकार
वहीं, बुधवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने कहा कि अमेरिका के ताजा आरोप मूल रूप से निराधार और पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं. उन्होंने कहा कि ईरान का न तो अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने का कोई मकसद है और न ही इरादा.
कमला और बाइडेन को अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए
एजेंसियों ने कहा कि दुर्भावनापूर्ण साइबर एक्टर्स ने जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में बाइडेन के अभियान में व्यक्तियों को अनचाहे ईमेल भेजे, जिसमें रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के अभियान से चुराए गए मैटेरियल एक टेक्स्ट था.