मस्कट: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को मस्कट में '8वें हिंद महासागर सम्मेलन' के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए हिंद महासागर को 'वैश्विक जीवन रेखा' बताया. उन्होंने कहा कि इसका उत्पादन, उपभोग, योगदान और कनेक्टिविटी आज दुनिया को चलाने के तरीके का केंद्र है.
विदेश मंत्री ने कहा कि नए क्षितिज की ओर हमारी यात्रा हिंद महासागर के समन्वित बेड़े के रूप में सबसे अच्छी तरह से की जा सकती है. हम इतिहास, भूगोल, विकास, राजनीति या संस्कृति के संदर्भ में एक विविध समूह हैं. लेकिन जो चीज हमें एकजुट करती है, वह है हिंद महासागर क्षेत्र की भलाई के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता.
जयशंकर ने कहा कि अस्थिर और अनिश्चित युग में, हम आधार रेखा के रूप में स्थिरता और सुरक्षा चाहते हैं. लेकिन उससे परे, महत्वाकांक्षाएं और आकांक्षाएं हैं जिन्हें हम प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. जब हम एक-दूसरे का ध्यान रखेंगे, अपनी ताकत को बढ़ाएंगे और अपनी नीतियों का समन्वय करेंगे तो उन्हें प्राप्त करना आसान होगा. मैं आप सभी को आश्वस्त कर सकता हूं कि भारत इन प्रयासों में सबसे आगे रहेगा.