तेल अवीव : गाजा में जारी शत्रुता के बीच इजरायल के युद्धविराम के प्रस्ताव को खारिज करने के बाद हमास ने मध्यस्थों के सामने युद्धविराम और बंधकों की रिहाई का समझौता पेश किया. इसमें मांग की गई कि 7 अक्टूबर से इजरायल के बंधक बनाए गए 129 बंधकों में से किसी को भी प्राप्त करने से पहले छह सप्ताह के युद्धविराम का पालन करे.
द टाइम्स ऑफ इजराइल ने हिब्रू दैनिक हारेत्ज की एक रिपोर्ट का हवाले से यह जानकारी दी. कथित तौर पर आतंकवादी समूह का प्रस्ताव शनिवार देर रात अमेरिका की मध्यस्थता वाले समझौते को अस्वीकार करने के बाद पेश किया गया. रिपोर्ट के अनुसार प्रस्ताव में हमास ने इजराइल रक्षा बल (IDF) पर एक शर्त रखी कि उसे गाजा में सभी लड़ाई बंद करनी होगी और छह सप्ताह के लिए शहरी क्षेत्रों से पीछे हटना होगा, जिससे विस्थापित फिलिस्तीनियों को उत्तर लौटने की अनुमति मिल सके.
इसमें कहा गया है कि छह सप्ताह की समाप्ति के बाद ही किसी भी बंधक को रिहा किया जाएगा, आगे कहा गया है कि यह रुकी हुई शत्रुता के सप्ताहों का उपयोग बंधकों का पता लगाने और यह पता लगाने के लिए करेगा कि वे किस स्थिति में हैं. आतंकी समूह के मसौदे में कहा गया है कि प्रत्येक इजरायली नागरिक के लिए 30 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाए जो कि नवंबर के सप्ताह भर के संघर्ष विराम के 3:1 अनुपात से काफी अधिक है.
इसमें यह भी मांग की गई कि प्रत्येक बंदी सैनिक के बदले 50 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाए, जिनमें से 30 आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार इजराइल ने पहले भी इसी तरह की मांगों को 'भ्रमपूर्ण' कहकर खारिज कर दिया था और हमास ने फिलिस्तीनी कैदियों की संख्या, साथ ही उनके अपराधों की गंभीरता की मांग की थी, जो पिछले कई दौर की वार्ताओं में एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है.