इस्लामाबाद/लाहौर : पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में खंडित जनादेश आने के बाद गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास सोमवार को तेज हो गए. इसी के तहत पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पांच साल के कार्यकाल को विभाजित करने के लिए सत्ता बंटवारे के नए फॉर्मूला पर चर्चा की.
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों के संसद में सबसे अधिक सीटें जीतने के बावजूद पाकिस्तान की अगली सरकार की तस्वीर को लेकर सवाल बरकरार हैं.
पीएमएल-एन, पीपीपी और पीटीआई, तीनों ही प्रमुख दलों में से किसी को 266 सदस्यीय नेशनल असेंबली में बहुमत हासिल करने के लिए आवश्यक सीट नहीं मिली हैं और इसलिए वे अपने दम पर सरकार नहीं बना पाएंगे. इसलिए, अभी यह साफ नहीं है कि नकदी के संकट से जूझ रहे देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा.
केंद्र और प्रांतों में गठबंधन सरकार बनाने के अपने प्रयासों के तहत पीएमएल-एन और पीपीपी के नेताओं ने आठ फरवरी के चुनाव के बाद अपनी पहली बैठक में आधे कार्यकाल के लिए एक प्रधानमंत्री नियुक्त करने के विचार पर बातचीत की। घटनाक्रम के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी.
पूर्व पाक पीएम शरीफ की पार्टी को पांच और निर्दलीय सांसदों का मिला समर्थन :पीएमएल-एन पार्टी को बढ़ावा देते हुए पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के पांच नवनिर्वाचित निर्दलीय सदस्यों ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होने का फैसला किया. नवाज गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल चुनाव के बाद त्रिशंकु संसद की तस्वीर बनी है.
पाकिस्तान में तीन बार के प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) ने आठ फरवरी को हुए आम चुनाव में खंडित जनादेश के बाद गतिरोध समाप्त करने के लिए प्रतिद्वंद्वी दलों के समक्ष 'भागीदारी वाली गठबंधन सरकार' का विचार पेश किया है. सोमवार को मीडिया में आई खबरों से यह जानकारी मिली.
किसे कितनी सीटें :पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) द्वारा रविवार तक घोषित परिणामों के अनुसार कुल 265 नेशनल असेंबली सीटों में से पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीटें हासिल कीं. इसके बाद पीएमएल-एन को 75, पीपीपी को 54, एमक्यूएम को 17 और अन्य छोटी पार्टियों ने 17 सीटें जीतीं.