ब्रिटेन में दंगे, पूरे इंग्लैंड में नस्लवाद विरोधी विरोध प्रदर्शन - Britain Unrest 2024
Britain Unrest 2024: पदभार ग्रहण करने के एक महीने बाद ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के सामने दंगों के रूप में एक चुनौती सामने आ गई है. वह पिछले सप्ताह देश में हुए दंगों को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं. 5 जुलाई को सत्ता संभालने के बाद से यह संकट उनके लिए पहली बड़ी परीक्षा बतायी जा रही है.
लिवरपूल में पुलिस के सामने खड़ा एक प्रदर्शनकारी. युवा लड़कियों पर चाकू से हमले के बारे में गलत सूचना से भड़के दंगों के एक सप्ताह के बाद, आव्रजन विरोधी समूह देश भर में दर्जनों स्थानों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं. (AP)
लंदन: ब्रिटेन में हिंसा पर नियंत्रण पाना पुलिस के लिए मुश्किल होता जा रहा है. ब्रिटिश पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी हिंसक घटनायें रुक नहीं रही हैं. बता दें कि एक फेक न्यूज कि आव्रजन विरोधी समूहों ने तीन युवा लड़कियों की चाकू मार के हत्या कर दी है के फैलने के बाद वहां एक राष्ट्रव्यापी दंगा फैल गया.
ब्रिटेन के प्रेस एसोसिएशन ने एक कानून प्रवर्तन स्रोत का हवाला देते हुए बताया कि पुलिस ने 100 से अधिक घटनाओं की आशंका जताई थी. इंटरनेट चैट समूहों ने संभावित लक्ष्यों के रूप में आव्रजन में विशेषज्ञता रखने वाली एजेंसियों और कानूनी फर्मों की एक सूची साझा की थी.
लंदन में दंगे में जलती पुलिस की गाड़ी. (AP)
इसी बीच लंदन, ब्रिस्टल, ऑक्सफोर्ड और बर्मिंघम के कुछ हिस्सों में, नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों की शांतिपूर्ण भीड़ भी बड़ी संख्या में एकत्र हुई. लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस सेवा के प्रमुख ने कहा कि अधिकारी आव्रजन वकीलों और सेवाओं की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे. लंदन में गंभीर संकट की स्थिति में पहले से ही तैनात हजारों अधिकारियों के अलावा, लगभग 1,300 विशेषज्ञ बल स्टैंडबाय पर थे. आयुक्त मार्क रोली ने कहा कि हम सभी लोगों की रक्षा करेंगे.
उन्होंने कहा कि आपके राजनीतिक विचार कुछ भी हो, कानून व्यवस्था और सरकारी काम में बाधा डालने को स्वीकार नहीं किया जायेगा. बता दें कि पिछले सप्ताह से शहरों और कस्बों में दंगे और लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं. दक्षिणपंथी चरमपंथियों की ओर से प्रोत्साहित गुस्साई भीड़ ने पुलिस और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन में शामिल लोग. (AP)
यह गड़बड़ी तब शुरू हुई जब साउथपोर्ट के समुद्र तटीय समुदाय में तीन लड़कियों की चाकू घोंपकर हत्या करने की फेक न्यूज फैली. अप्रवासी विरोधी नारे लगाने वाले दंगाइयों ने शरणार्थियों को रखने वाले मस्जिदों और होटलों पर हमला किया, जिससे मुस्लिम और अप्रवासी समुदायों में डर पैदा हो गया. हाल के दिनों में, कुछ क्षेत्रों में हिंसक जवाबी हमलों की खबरें सामने आई हैं.
लंदन के नॉर्थ फिंचली इलाके में एक रिहायशी सड़क पर एक कानून कार्यालय के बाहर आए अप्रवासियों के कुछ सौ समर्थकों को पुलिस ने सुरक्षा प्रदान की. वहां लोगों ने 'शरणार्थियों का स्वागत है' और 'लंदन नस्लवाद के खिलाफ है' के नारे लगाए. कुछ लोगों ने 'प्रवास कोई अपराध नहीं है' और 'फासीवाद मुर्दाबाद' के नारे लगाये.
पूर्वी लंदन के वाल्थमस्टो इलाके में एक अप्रवास केंद्र के बाहर, एक नेता ने 'फासीवादियों को चले जाओ' का नारा लगाया. हालांकि, प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इस बात को खारिज किया है कि दंगों के पीछे सरकार की अप्रवास नीतियों के प्रति गुस्सा या नाराजगी है. उन्होंने चेतावनी दी है कि हिंसा में भाग लेने वाले किसी भी व्यक्ति को कानून की पूरी ताकत का सामना करना पड़ेगा.
नस्लवाद विरोधी प्रदर्शन में शामिल लोग. (AP)
पुलिस ने 400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. कुछ दंगाइयों पर मुकदमा चलाने के लिए आतंकवाद-रोधी कानूनों का इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है. सरकार ने अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाने का संकल्प लिया है, जिसमें हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोग भी शामिल हैं.
लंदन के मेयर सादिक खान ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पुलिस, सिटी हॉल और सामुदायिक नेता लक्षित इमारतों और पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि चौंकाने वाले दृश्यों ने कई मुसलमानों और अल्पसंख्यक जातीय समुदायों को डरा दिया है. भयभीत कर दिया है, इसलिए मैं अपने साथी लंदनवासियों से अपने दोस्तों और पड़ोसियों की जांच करने और उन्हें दिखाने के लिए कहता हूं कि देखभाल और करुणा ही लंदनवासियों का सार है.