लंदन: ब्रिटेन में एक अफवाह ने काफी खतरनाक रूप ले लिया. खबर के मुताबिक, साउथपोर्ट चाकूबाजी की घटना में तीन लड़कियों की मौत के बाद ऑनलाइन झूठी अफवाह फैलाई गई कि, हिंसा करने वाला युवक मुस्लिम अप्रवासी था, जिससे देश में दक्षिणपंथियों में गुस्सा भड़क गया. इसके बाद धुर दक्षिणपंथियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो देखते ही देखते हिंसक हो गया. उत्तरी इंग्लैंड में शरण चाहने वालों को शरण देने के लिए इस्तेमाल किए गए होटलों में आग लगा दी गई और तोड़फोड़ की गई. ब्रिटेन 13 वर्षों में अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है.
I utterly condemn the far-right thuggery we have seen this weekend.
— Keir Starmer (@Keir_Starmer) August 4, 2024
Be in no doubt: those who have participated in this violence will face the full force of the law. pic.twitter.com/uNeJtD8pCQ
हिंसा करने के आरोप में 378 लोग गिरफ्तार
एएफपी रिपोर्ट के मुताबिक, एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को बताया एक सप्ताह पहले बच्चों पर चाकू से जानलेवा हमला होने के बाद से अंग्रेजी शहरों और कस्बों में दंगे शुरू होने के बाद से ब्रिटिश पुलिस ने 378 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पीएम ने घटना की निंदा की
दूसरी तरफ ब्रिटेन यूनाइटेड किंगडम में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री कीर स्टारमर विरोध की निंदा की है. उन्होंने कहा कि, यह कोई विरोध प्रदर्शन नहीं है. उन्होंने इसे 'संगठित हिंसा' करार दिया. पीएम ने कहा , प्राथमिक विद्यालय की लड़कियों के लिए टेलर स्विफ्ट थीम पर आधारित डांस और योगा कक्षा में चाकू से हमला किया गया. इस घटना से कई शहरों में व्यापक अशांति और दंगे भड़क उठे. उन्होंने बताया कि, हिंसा को दूर-दराज के समूहों ने हवा दी है, जिसकी वह निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि, हिंसा में शामिल लोगों को कानून का सामना करना पड़ेगा."
क्यों भड़की हिंसा, किसको बनाया जा रहा निशाना?
पिछले छह दिनों में ब्रिटेन में अराजकता का माहौल देखा जा रहा है. दक्षिणपंथी कार्यकर्ता सोशल मीडिया का इस्तेमाल डांस क्लास में चाकू से हमला करने की घटना पर गुस्सा भड़काने के लिए कर रहे हैं, जिसमें तीन लड़कियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे. इनमें से कई हमलों में अप्रवासी और मुस्लिमों को निशाना बनाया गया है. पुलिस के मुताबिक, धुर दक्षिणपंथी भीड़ ने रॉदरहैम में शरणार्थियों के आवास वाले एक होटल पर धावा बोल दिया और उसे आग लगा दी.
पीएम ने बुलाई 'कोबरा' मीटिंग
इस हिंसक घटना के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने सोमवार को वरिष्ठ मंत्रियों और पुलिस प्रमुखों की एक आपातकालीन COBRA बैठक के बाद देश के कई शहरों में हुए दंगों को खत्म करने के लिए व्यापक उपाय पर चर्चा की सार्वजनिक कर्तव्य अधिकारियों की एक स्थायी सेना बनाने की बात कही. कैबिनेट ऑफिस ब्रीफिंग रूम ए (कोबरा) की आपातकालीन बैठक में गृह सचिव यवेटे कूपर और स्कॉटलैंड यार्ड के प्रमुख मार्क रोली शामिल थे. यह बैठक हिंसा को रोकने के लिए भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने और गिरफ्तार किए जा रहे संदिग्धों से निपटने के लिए त्वरित न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए बुलाई गई.
ब्रिटेन के पीएम ने स्टारमर ने लंदन में 10 डाउनिंग स्ट्रीट में आयोजित बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि, बैठक में कई कदम उठाए गए हैं. पहली बात यह है कि हमारे पास विशेषज्ञ अधिकारियों, सार्वजनिक कर्तव्य अधिकारियों की एक स्थायी सेना होगी, इसलिए जहां हमें उनकी आवश्यकता होगी हमारे पास इस मामले से निपटने के लिए पर्याप्त लोग होंगे.'
पीएम ने कहा, "दूसरी बात यह है कि हम आपराधिक न्याय को बढ़ावा देंगे. सैकड़ों गिरफ्तारियां पहले ही हो चुकी हैं. उनमें से कुछ आज सुबह अदालत में पेश हुए. मैंने इस प्रक्रिया में शामिल लोगों के जल्द से जल्द नाम और पहचान पर विचार करने के लिए कहा है, जिन पर कानून का शिकंजा पूरी ताकत से कसा जाएगा. स्टारमर ने इस बात पर भी जोर दिया कि यह कानून सोशल मीडिया यूजर्स पर भी समान रूप से लागू होता है जो ऑनलाइन नफरत फैलाने जैसे आपराधिक कृत्य कर रहे हैं.
"हमने मुस्लिम समुदायों को निशाना बनते देखा है..."
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने आगे कहा कि दक्षिणपंथी हिंसा का 'कोई औचित्य नहीं है', जिसके कारण मस्जिदों और मुसलमानों पर हमले हुए.... और सभी सही सोच वाले लोगों को इस तरह की हिंसा की निंदा करनी चाहिए। इस देश के लोगों को सुरक्षित रहने का अधिकार है. उन्होंने कहा, "हमने मुस्लिम समुदायों को निशाना बनते देखा है... मस्जिदों पर हमले... अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाया गया. सड़कों पर नाजी सलामी दी गई और पुलिस पर हमले किए गए...जो लोग अपनी त्वचा के रंग या अपने धर्म के कारण निशाना बनाए जाने का अनुभव करते हैं, मैं जानता हूं कि यह कितना भयावह होगा."
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