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खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन का आयोजक गिरफ्तार, कनाडा के मंदिर में हिंदुओं पर हमले का आरोप - BRAMPTON POLICE

कनाडा पुलिस ने हिंदू मंदिर पर हुए हिंसक हमले के आरोप में ब्रैम्पटन के निवासी इंद्रजीत गोसल को गिरफ्तार किया है.

खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन का आयोजक गिरफ्तार
खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन का आयोजक गिरफ्तार (सांकेतिक तस्वीर)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 10, 2024, 4:13 PM IST

ओटावा:कनाडा में तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के मुख्य आयोजक को पिछले रविवार को ग्रेटर टोरंटो एरिया (GTA) में एक हिंदू मंदिर पर हुए हिंसक हमले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है और उस पर आरोप लगाया गया है.

पील क्षेत्रीय पुलिस (PRP) ने शनिवार को घोषणा की है कि ब्रैम्पटन के निवासी 35 वर्षीय इंद्रजीत गोसल को शुक्रवार को हथियार से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. गोसल को 8 नवंबर को हिंदू सभा मंदिर में प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किया गया था, जहां खालिस्तानी चरमपंथियों ने हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हमला किया था. घटना कई वीडियो में कैद हो गई थी फिलहाल पुलिस अन्य संदिग्धों की पहचान करने के लिए फुटेज का विश्लेषण कर रही है.

इंद्रजीत गोसल कौन हैं?
गोसल को सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के जनरल काउंसलर गुरपतवंत पन्नून का लेफ्टिनेंट माना जाता है. पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में मारे गए हरदीप सिंह निज्जर की जगह उन्होंने जनमत संग्रह के मुख्य कनाडाई आयोजक के रूप में पदभार संभाला था.

निज्जर की हत्या के बाद नई दिल्ली और ओटावा के बीच संबंधों में दरार आ गई थी. घटना के तीन महीने बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में निज्जर की हत्या के लिए भारतीय एजेंटों पर आरोप लगाया था. इन आरोपों को भारत ने उन आरोपों को बेतुका और प्रेरित बताया था.

कनाडाई पुलिस के अनुसार गोसल उन 13 कनाडाई लोगों में शामिल थे, जो खालिस्तान समर्थक तत्वों के खिलाफ हिंसक आपराधिक गतिविधियों के निशाने पर थे. कनाडा के उन आरोपों के कारण भारत ने देश से छह राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुला लिया और जवाबी कार्रवाई में छह को निष्कासित कर दिया.

हिंदू सभा मंदिर पर हमले की निंदा
3 नवंबर को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले ने भारतीय-कनाडाई समुदाय को झकझोर दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ट्रूडो और कनाडा के विपक्षी नेता पियरे पोलीवरे सहित कई अन्य लोगों ने इसकी निंदा की.

एसएफजे ने दावा किया था कि गोसल को खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा मंदिर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान निशाना बनाया गया था, जो उस समय एक वाणिज्य दूतावास शिविर की मेजबानी कर रहा था, जिसमें टोरंटो में वाणिज्य दूतावास के भारतीय अधिकारी परिसर में मौजूद थे.

इस घटना के सिलसिले में कई गिरफ्तारियां की गई हैं, जिनमें से कुछ उस रात माल्टन के एक गुरुद्वारे में एक विरोध-प्रदर्शन से जुड़ी हैं, साथ ही सोमवार को मंदिर में हुई हिंसा के खिलाफ एक रैली से भी जुड़ी हैं, जिसे पीआरपी ने हथियार पाए जाने के कारण गैरकानूनी घोषित किया था.

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