ब्लिंकन का इजरायल का दौरा, राफा ऑपरेशन पर करेंगे बातचीत - Blinken visits Tel Aviv
Blinken Israel visits : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इजरायल के दौरा पर जाएंगे. वह इजरायल के पीएम नेतन्याहू और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे. इस बीच राफा बंधक ऑपरेशन को लेकर चर्चा करेंगे.
ब्लिंकन का शुक्रवार को तेल अवीव का दौरा (फोटो आईएएनएस)
तेल अवीव: अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शुक्रवार को इजरायल का दौरा करेंगे और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे. ब्लिंकन गुरुवार को काहिरा और रियाद में मिस्र और सऊदी के वरिष्ठ नेताओं से भी मिल रहे हैं. ब्लिंकन की इजरायल सहित मध्य पूर्वी देशों की यात्रा बंधकों की रिहाई के साथ-साथ रफा में इजरायल के संभावित जमीनी हमले के संबंध में सभी पक्षों से बातचीत करने के लिए है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने हाल ही में नेतन्याहू से बात की है कि वे राफा में न जाएं क्योंकि इससे महिलाओं और बच्चों सहित बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो सकती है. करीब 13 लाख नागरिक राफा क्षेत्र में रह रहे हैं. उधर मिस्र ने इजरायली और अमेरिकी अधिकारियों से कहा है कि वह राफा ऑपरेशन का सख्त विरोध करेगा, क्योंकि इससे रफा की सीमा से लगे मिस्र के सिनाई क्षेत्र में बड़ी संख्या में शरणार्थियों का पलायन होगा.
इस बीच कतर के दोहा में इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थता वार्ता जारी है. इजराइल ने सख्त रुख अपनाया हुआ है और बंधकों की रिहाई पर हमास द्वारा रखी गई कई मांगों पर सहमत नहीं हो रहा है. इजरायली रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने एजेंसी को बताया कि बातचीत इजरायली पक्ष द्वारा रखी गई शर्तों पर ही आगे बढ़ेगी. इज़रायल ने हमास की हिरासत में मौजूद सभी बंधकों की दो चरणों में रिहाई की मांग की है और मध्यस्थों से कहा है कि जघन्य अपराध करने वाले फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा नहीं किया जा सकता.
इजराइल रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, मोसाद, शिन बेट समेत इजराइल की खुफिया एजेंसियों ने इज़राइल सरकार से कहा है कि हमास पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है और रफा में हमास के बाकी बचे लोग हैं. यह भी बताया गया है कि रफ़ा में हमास की केवल चार बटालियनें बची हैं और यदि वे भी नष्ट हो गईं, तो हमास के पास इज़राइल के सामने आत्मसमर्पण करने के अलावा कोई चारा नहीं होगा. यह देखने वाली बात होगी कि ब्लिंकन रफा में इजरायली सेना के हमले को रोक पाते हैं या नहीं.